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बड़ी ख़बर: GST की दरें हुई पहले से कम, अब ये 177 चीज़ें मिलेंगी सस्ती…

नई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी ने जब से टैक्स हटाकर GST लागू की है, तब से हर चीज़ पर 28 प्रतिशत GST लगे जा रही थी. पूरा देश तब से महंगाई की मार में मर रहा था. लेकिन इस शुक्रवार को जीएसटी कौंसिल के एक फैसले ने पूरे भारत को राहत की सांस दी. दरअसल, इस शुक्रवार को बैठक में सरकार ने जीएसटी दरों में एक बड़ा बदलाव किया है. कौंसिल में हुए फैसले के अनुसार 177 चीज़ों पर जीएसटी पहले से घटा कर 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत कर दी गयी है. इस बदलाव से आम आदमी को काफी राहत देखने को मिल रही है. जानकारी के अनुसार गुवहाटी में वित् मंत्री अरुण जेटली द्वारा की जा रही जीएसटी बैठक अभी तक चल रही है. इस बैठक में रियल एस्टेट को ध्यान में रख कर नये फैसले लिए जायेंगे. रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी में आये बदलाव से पंखे, डिटरजेंट, शैम्पू, एलपीजी स्टोव, फर्नीचर आदि के दामों में कमी देखने को मिल सकती है. चलिए समय न गवांते हुए जानते हैं आखिर पूरी ख़बर क्या है…

इन चीज़ों पर थी पहले 28 फ़ीसदी दरें

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें चीज़ों पर लगने वाली दरों पर सरकार की ये 23वीं बैठक है. इसमें सरकार उन 277 चीज़ों को ध्यान में रखते हुए बदलाव करेगी, जिन पर पहले GST 28 प्रतिशत लागू थी. इन सब में से पान मसाला, सीमेंट, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, प्री एंड आफ्टर शेविंग सामान, वैक्यूम क्लीनर, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट, वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर आदि को छोड़ कर बाकी 177 चीज़ों पर जीएसटी घटा कर 18 प्रतिशत कर दी जाएगी. यानी कुल मिला कर अब ये 177 चीज़ें हमे पहले से 10 प्रतिशत कम दाम में मिल सकेंगी. ये सरकार का अब तक का सबसे बड़ा और अच्छा फैसला है. आम आदमी में इस फैसले को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इस बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा माध्यम वर्ग के लोगो में देखने को मिलेगा.

रियल एस्टेट में होंगे जीएसटी के बदलाव

जानकारी के अनुसार इस बैठक में सरकार जीएसटी को दायरे में रखने के लिए ठोस कदम उठाएगी. इसके इलावा इस बैठक में रियल एस्टेट को लेकर कुछ प्रेजेंटेशन दिखाई जाएँगी. हालाँकि, रियल स्टेट को लेकर जीएसटी में बदलाव देखने के चांस कम ही है. एक रिपोर्ट के अनुसार ये पता चला है कि जीएसटी कौंसिल के कुछ मेम्बरस ने ही जीएसटी को लिमिट लगाने की मांग की थी. तब से ही सरकार इस बारे में विचार कर रही थी. कहा जा रहा है कि इस बदलाव से काले धन पर भी लगाम लग सकेगा. इसके इलावा अभी ज़मीन और रियल एस्टेट में जीएसटी की डर सबसे ज्यादा लग रही है. इसका कारण स्टाम्प शुल्क हैं. कमेटी के मेम्बर्स का कहना है कि भारत के हर राज्य में ज़मीन के स्टाम्प शुल्क अलग अलग हैं जो कि कम होने बेहद जरूरी हैं. किसी राज्य में ये स्टाम्प शुल्क आठ फीसद है तो किसी में दस से बारह फीसदी.

कमेटी ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने का फैसला लिया है. इसके इलावा इस बैठक में विकल्प चुनने वाले, मैन्यूफैक्चरिंग सम्बन्धी चीज़ों और रेस्टोरेंट पर एक फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की जाएगी. अब देखना ये है कि इस बड़े फैसले से कौन कौन सी चीज़ें अधिक प्रभावित होंगी और किनमे आम इंसान को राहत मिल पायेगी.

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