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प्रदेश मैं एकता कायम रखने के लिये कार सेवकों पर गोलियां चलवायी: मुलायम सिंह

Dirty Politics: क्या किसी पुराने जख्म को कुरेदकर धर्म आधारित दंगे भड़काने और अपना वोट बैंक बनाने की साजिश सही है?

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  मुलायम सिंह की DIRTY POLITICS:

देश में कुछ ऐसे जहरीले नेता भी मौजूद हैं जिनकी राजनीति सिर्फ जहर घोलने से चलती है इसके लिए चाहे इनको भोली-भाली जनता को भड़काकर कितनी ही माताओं की कोख उजाडनी पड़े
ऐसे जहरीले नेताओं से समाज का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार नहीं छीन लेना चाहिए। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं सपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कल लखनऊ में हुए पार्टी कार्यक्रम में फिर से बाबरी मस्जिद वाले मुद्दे को उठा दिया। मुलायम ने इस विषय पर खुल के बोला कि मैं इस प्रदेश में अल्पसंख्यकों जैसे मुस्लिम, सिक्ख और ईसाई का विश्वास कम न होने देने के लिए ही कर सेवकों पर गोली चलवाई ( Dirty Politics)।

मुलायम ने अपनी गलतियों पर पर्दा डालते हुए कहा कि इस काण्ड में 16 लोगों की मौत हुई, लेकिन ऐसा मैंने प्रदेश में एकता बनाने के लिए किया, जिसकी वजह से मुझे बहुत निंदा झेलनी पड़ी। पूरा सदन मेरे खिलाफ खड़ा हो गया। मेरा मानना है कि अगर ऐसा नहीं होता तो मुसलमानों का इस देश से विश्वास उठ जाता।

मुलायम सिंह द्वारा कही बातों की हम निंदा करते हैं, समाज को समुदाय के नाम पर बाँट कर दंगों के तरफ करना कहां का न्याय है और कारसेवकों पर गोली चलाने से कौन सी एकता बानी रहेगी? सवाल तो बहुत से है लेकिन जैसा कि हम आपको बता चुके हैं, गुप्त सर्वेय से तो यही पता चलता है कि उत्तरप्रदेश की जनता इस बाप-बेटे और चाचा-भतीजे की सरकर से त्रस्त है। लेकिन आगामी चुनावों को देखकर इस तरीके की बयानबाजी सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम वोटरों को रिझाने का एक प्रयास मात्र है।

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