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आज दोपहर से शुरू होने जा रहा है पंचक, इन 5 कामों को करने से बचें, उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में मुहूर्त (काल, समय) का विशेष महत्व माना गया है. मुहूर्त में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति की गणना के आधार पर किसी भी कार्य के लिए शुभ-अशुभ होने पर विचार किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के, मुताबिक, कुछ नक्षत्रों या ग्रह संयोग में शुभ कार्य करना बहुत ही अच्छा माना जाता है, वहीं कुछ नक्षत्रों में कुछ विशेष कार्य करने की मनाही रहती है. धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती भी ऐसे ही पांच नक्षत्रों का एक समूह है. धनिष्ठा के प्रारंभ होने से लेकर रेवती नक्षत्र के अंत समय को पंचक कहते हैं.

रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. इसके प्रभाव से ये 5 दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं. इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है. इस बार यह पंचक रविवार को यानी 29 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और गुरुवार की रात यानी 2 नवंबर रात 4 बजकर 40 मिनट तक चलेगा. पंचक के दौरान कौन-कौन काम नहीं करने चाहिए, आईये जानते हैं.

रोग पंचक

रविवार को शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं. इसके प्रभाव से मनुष्य को पांचों दिन शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. इस पंचक के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. किसी भी तरह के मांगलिक कार्यो में ये पंचक अशुभ होते हैं.

राज पंचक

सोमवार को शुरू होगा राज पंचक. इस पंचक को शुभ माना गया है. इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में किये जाने वाले किसी भी सरकारी काम में सफलता मिल सकती है. इस पंचक में संपत्ति से जुड़े कार्यों को भी करना शुभ माना जाता है.

अग्नि पंचक

अग्नि पंचक मंगलवार को शुरू होता है. इन दिनों व्यक्ति कोर्ट-कचहरी और विवाद आदि के फैसले निपटा सकता है. इस पंचक के दिन अपना हक़ प्राप्त करने वाले काम किये जा सकते हैं. पंचक में अग्नि का भय होता है. इसमें किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औज़ार और मशीनरी कार्य नहीं करना चाहिए. यह अशुभ होता है. इसमें आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.

मृत्यु पंचक

 

शनिवार को मृत्यु पंचक होता है. इसके नाम से ही पता चलता है कि यह दिन अशुभ है. इस पंचक में मृत्यु के सामान कठिनाइयां उठानी पड़ सकती है. इन 5 दिनों में कोई भी जोखिम भरे कार्य करने से बचें. इसका प्रभाव विवाद, चोट, दुर्घटना आदि को जन्म देता है.

चोर पंचक

शुक्रवार को चोर पंचक शुरू होता है. इस पंचक के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार का लेन-देन, व्यापार और सौदा नहीं करना चाहिए. इन कार्यों को करने पर हानि हो सकती है.

इसके अलावा बुधवार और गुरुवार के दिन होने वाले पंचक में ऊपर बताई गयी सभी बातों का पालन करना ज़रूरी नहीं माना गया है. इन दो दिनों में शुरू होने वाले पंचक में बताये गए कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ कार्य किये जा सकते हैं.

पंचक के दौरान न करें ये 5 काम-

  • चारपाई न बनवाएं
  • घास, लकड़ी आदि जलने की वस्तुएं इकट्ठी न करें
  • दक्षिण दिशा में यात्रा न करें
  • घर की छत नहीं बनवाएं
  • शव का अंतिम संस्कार करने से पहले पंडित की सलाह ज़रूर लें

 

 

 

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