राजनीति

दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए फिर से लागू हो सकता है ऑड-ईवन फ़ॉर्मूला

नई दिल्ली: इस समय पुरे पृथ्वी का बुरा हाल प्रदूषण की वजह से हुआ है। मनुष्य की बढती उप्भोगितावादी सोच की वजह से इसमें लगातार इजाफ़ा ही हो रहा है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रदूषण दिनों-दिन बढ़ ही रहा है। हालांकि कुछ जगहों पर सरकार ने उसे नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम बनाये हुए हैं, जिससे कुछ हद तक प्रदूषण पर नियंत्रण हुआ है। आज हर किसी को गाड़ी से चलने की आदत लग चुकी है। ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ना ही है।

दिल्ली की हवा दिन-प्रतिदिन हो रही है जहरीली:

गाड़ियों से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साईड प्रदूषण में इजाफ़ा ही कर रहा है। अगर आंकड़ो की बात की जाये तो पुरे दुनिया में भारत का दिल्ली शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। हाल ही में यहाँ दिवाली के एक दिन बाद भयानक प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दिया था। लेकिन लोग भला कहाँ मानने वाले थे, लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। नतीजा यह हुआ कि अगली सुबह दिल्ली की हवा और जहरीली हो गयी।

ऑड-ईवन के लिए तैयार रहने का दिया निर्देश:

सर्दी से पहले ही दिल्ली और एनसीआर के हवा की गुणवत्ता लगातार ख़राब होती जा रही है। इसलिए दिल्ली सरकार ने कहा है कि एक बार फिर से वह दिल्ली में ऑड-ईवन फ़ॉर्मूला लागू करने जा रही है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को लिखे एक पत्र में दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन को ऑड-ईवन योजना के कार्यान्वयन के लिए तैयार रहने को कहा है। इस योजना के अंतर्गत ऑड तारीख को ऑड नंबर की गाड़ियाँ और ईवन नंबर तारीख को ईवन नंबर की ही गाड़ियाँ सड़कों पर चलेंगी।

सार्वजनिक छुट्टियों और सप्ताहांत के दिन नहीं लागू होगा ऑड-ईवन:

यह योजना सप्ताह के आखिरी दिन और सार्वजनिक छुट्टियों के दिन लागू नहीं की जाएगी। मंत्री ने डीटीसी को बसों और कंडक्टरों का प्रबंध करने के लिए भी कार्य योजना तैयार करने और सात दिन के अन्दर उसे जमा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि, “दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण सरकार को ऑड-ईवन योजना समेत कई आपातकालीन उपायों को लागू करना पड़ सकता है. इसलिए, यह आवश्यक है कि परिवहन विभाग/ डीटीसी/ डीआईएमटीएस इस योजना की घोषणा के वक्त इसके कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

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