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3 करोड़ का बंगला 20 लाख की गाड़ी, फिर भी लगाती है ‘छोले-कुलचे’ का ठेला, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
कहते हैं न मेहनत इतनी ख़ामोशी से करनी चाहिए कि सफलता शोर मचा दे. जिन्हें सपने देखने का शौक होता है उन्हें रात छोटी लगती है और जिन्हें सपना पूरा करना पसंद होता है उनके लिए दिन छोटा पड़ता है. एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते हैं. कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. मायने रखता है तो इंसान का नजरिया. इस बात का उदाहरण है उर्वशी यादव. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि उर्वशी का खुद का तीन करोड़ का बंगला और दो एसयूवी कारें है. लेकिन फिर भी वो सड़क किनारे ठेला लगाकर छोले-कुलचे बेचती है. आईये जानते हैं कि इतनी संपन्नता होने के बावजूद वह यह काम क्यों कर रही हैं.
छोले कुलचे बेचने का लिया फैसला
दरअसल गुरुग्राम की रहने वाली 34 साल की उर्वशी यादव के पति का कुछ समय पहले एक्सीडेंट हो गया था. एक्सीडेंट काफी गंभीर था. डॉक्टरों ने कहा कि उनके कूल्हे रिप्लेस करने होंगे. इस हादसे के बाद पति के इलाज में लगने वाले खर्च और परिवार की जिम्मेदारियों में हाथ बंटाने के लिए उर्वशी ने कमाने की सोची.
उन्होंने पहले एक स्कूल में पढ़ाना शुरू किया लेकिन उनको लगा कि इससे उनकी अच्छी कमाई नहीं हो पाएगी इसलिए उर्वशी ने फैसला लिया कि वो छोले कुलचे बेचेंगी. बता दें कि उर्वशी कि फिलहाल आर्थिक स्थिति खराब नहीं हैं लेकिन भविष्य में कोई संकट न आए इसके लिए उन्होंने अभी से काम करना शुरू कर दिया है. उर्वशी के पति अमित यादव एक बड़ी निर्माण कंपनी में ऐग्जिक्युटिव हैं और उनके ससुर भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड कमांडर.
2500 से 3000 की रोज़ाना कमाई
उर्वशी को खाना बनाने का शौक हमेशा से था. अपने इसी शौक को उन्होंने अपना प्रोफेशन बनाने की सोची. तपती गर्मी हो या भारी बारिश, उर्वशी पूरी लगन के साथ काम करती हैं. ठेला लगाए उनको कुछ ही दिन बीते हैं लेकिन अभी से वो अपने स्वादिष्ट टेस्ट के लिए फेमस हो गई हैं. उर्वशी ने बताया कि उनकी रोज की कमाई 2,500 से 3,000 रुपये तक हो जाती है. उर्वशी के दो बच्चे हैं जिनके भविष्य को लेकर वो चिंतित थी कि कहीं कभी पैसों की तंगी की वजह से उनके बच्चों को स्कूल न बदलना पड़ जाए. लेकिन आज अपनी कमाई को लेकर वह बेहद खुश हैं.
चुनौतीपूर्ण रहा
उर्वशी ने बताया कि शुरू में काम करना उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण था. परिवार वाले उनके इस फैसले से खुश नहीं थे और कहीं न कहीं वह भी इस फैसले को लेकर असमंजस में थीं. लेकिन जब उन्होंने काम शुरू किया तो उनको अच्छा रिस्पॉन्स मिला. उनका आत्मविश्वास धीरे-धीरे बढ़ने लगा. उर्वशी भविष्य में अपना एक रेस्टोरेंट खोलना चाहती हैं.