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हाथ में त्रिशूल लेना है मेरा स्टाइल है और मैं ख़ास हूँ, दुनिया जो कहे मुझे परवाह नहीं : राधे माँ

नई दिल्ली: खुद को देवी का अवतार माननें वाली राधे माँ पहली बार टीवी पर आयी और अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों का खुलकर जवाब दिया। अखाड़ा परिषद् के फर्जी बाबाओं की लिस्ट में नाम, बिजनेस चलाने और चोरी करने के आरोप के साथ ही राधे माँ ने अन्य कई सवालों के जवाब दिए। राधे माँ ने यहाँ तक कहा कि उनकी जिंदगी एक खुली किताब है। राधे माँ ने कहा कि मैं फक्कड़ भले हूँ, लेकिन दुनिया के लिए अपनी लाइफ स्टाइल नहीं छोड़ सकती।

गलत राह पर जानें की बजाय चली गयी भगवान की शरण में:

हाथ में त्रिशूल लेना है मेरा स्टाइल, दुनिया क्या कहती है मुझे उसकी परवाह नहीं: राधे माँ

मैनें कभी लोगों का बुरा नहीं चला, हमेशा लोगों का भला करनें का सोचा है। राधे माँ ने बताया कि जब वह 17 साल की थी तब उनकी शादी हुई थी। 4 साल बाद उन्हें और उनके दो बच्चों को छोड़कर उनका पति विदेश भाग गया। ऐसे में किसी गलत रास्ते पर जानें की बजाय उन्होंने भगवान की शरण में जाना ज्यादा उचित समझा और खुद को भगवान की भक्ति में लगा दिया।

खुद को बहुत ख़ास मानती हैं राधे माँ:

राधे में से जब यह पूछा गया कि क्या वह दुर्गा माँ का अवतार हैं तो उन्होंने कहा कि वह खुद को दुर्गा माँ नहीं मानती हैं, लेकिन अपने आप को ख़ास जरुर मानती हैं। राधे माँ ने कहा कि सब ब्रह्मा जी की संतान हैं। भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ मिलकर सबका पालन करते हैं। क्यों लोग दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं?। जब किसी के ऊपर संकट आता है तो वह भगवान की पूजा करता है।

दूर रहनें वाले तुरंत मान लेते हैं मेरी बात:

राधे में ने यह भी कहा कि मैं गरीब नहीं हूँ, लेकिन मैं खुद को धनवान भी नहीं मानती हूँ। मेरे अन्दर किसी की संपत्ति हडपने की भी चाहत नहीं है। जो मेरे करीब रहते हैं वो मेरी बात नहीं मानते हैं, लेकिन जो मुझसे दूर रहते हैं तुरंत मेरी बात मान लेते हैं। आपको बता दें राम रहीम के जेल जानें के बाद अखाड़ा परिषद् ने कुछ ढोंगी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी और उनसे दूर रहनें की सलाह दी थी। उसमें राधे माँ का भी नाम था।

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