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खुल गया टाइटैनिक के डूबने का रहस्य, एक ममी के कहर ने डूबाया था टाइटैनिक, जानिए उस काली रात का सच

टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज़ था. यह अपने टाइम का सबसे महंगा और भव्य जहाज़ कहा जाता था. 10 अप्रैल 1912 में टाइटैनिक इंग्लैंड से अपनी प्रथम यात्रा के लिए निकला था. टाइटैनिक अपने पहले सफ़र के लिए समुद्र में रवाना हुआ पर दुर्भाग्यवश कभी दोबारा लौट कर वापस नहीं आया. चार दिन की यात्रा के बाद 14 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक एक हिमशिला से जा टकराया और डूब गया जिसमें लगभग 1517 लोगों की जान चली गयी. आज हम आपको बताएंगे टाइटैनिक से जुड़ी कुछ रोचक बातें.

टाइटैनिक से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • टाइटैनिक जहाज़ के सफ़र शुरू करने से पहले एक ख़ास प्रथा थी जो कि नहीं निभाई गयी थी. सफ़र के शुरुवात से पहले प्रथा के मुताबिक जहाज़ के एक तय जगह पर शराब की बोतल तोड़ी जाती थी. लेकिन टाइटैनिक का सफ़र शुरू करने से पहले इस परंपरा का पालन नहीं किया गया था. लोगों का मानना है कि अगर ऐसा किया गया होता तो शायद जहाज़ इस भयानक हादसे का शिकार नहीं होता.
  • इस जहाज़ पर कुछ ऐसे लोग भी थे जो इस पर सफ़र करने वाले नहीं थे. टाइटैनिक शिप में 13 ऐसे जोड़े सवार थे जो अपना हनीमून मनाने के लिए यात्रा पर निकले थे. वहीं टाइटैनिक में बहुत सारे लोग ऐसे भी मौजूद थे जो असल में इसमें सफ़र नहीं करने वाले थे. दरअसल कोयले की कमी के कारण टाइटैनिक की सफ़र में बाधा हो रही थी. इसे दूर करने के लिए वाइट स्टार लाइन जहाज़ को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी. इस जहाज़ ने अपने कोयले का स्टॉक और कुछ यात्रियों को टाइटैनिक पर शिफ्ट कर दिया था. जहाज़ में रोज़ 800 टन कोयले की खपत होती थी.

  • टाइटैनिक शिप पर 9 कुत्ते थे लेकिन एक भी बिल्ली वहां मौजूद नहीं थी. मान्यता अनुसार शिप पर बिल्लियों का होना शुभ माना जाता है. इनसे बाधाएं टलती हैं और साथ ही ये शिप पर छोटे जानवरों जैसे चूहे और गिलहरियों की संख्या भी कम करती हैं.
  • एक थ्योरी के मुताबिक जर्नलिस्ट विलियम थॉमस ईजिप्ट की पूजारन की एक शापित ममी को खरीदकर इस जहाज़ से अमेरिका ले जा रहा था. यह बात उसने अपने साथी यात्रिओं को बताई थी. यह ममी दुर्भाग्य लाने के लिए बदनाम थी.
  • जहाज़ में रखे गए सामानों का भार बहुत ज़्यादा हो गया था. टाइटैनिक में करीब 900 टन भारी बैग और बाकी माल रखा था.

  • 16 लाइफ बोट इस्तेमाल करने में करीब 80 मिनट लग गए थे. पहली लाइफ बोट में केवल 28 लोग बैठे क्योंकि उन्हें इस बात कर अंदाज़ा ही नहीं था कि टाइटैनिक जहाज़ डूब भी सकता है.
  • माना जाता है कि टाइटैनिक जहाज़ के चट्टान से टकराने से पहले 6 बार चेतावनी दी गयी थी जिस पर ध्यान नहीं दिया गया था.
  • इतनी बड़ी दुर्घटना में जहाज़ का एक शेफ भी बच गया था. दरअसल उसने काफी शराब पी ली थी जिस वजह से ठंडे पानी में गिरने के बावजूद उसके शरीर का टेम्परेचर कम नहीं हुआ. आपको जानकर हैरानी होगी कि अधिकतर यात्रियों की मौत डूबने के बजाय ठंडे पानी से हुई थी.

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