राजनीति

लोग सोचते रहे आजम खान ने कर दिखाया वो काम, जानकर आप भी करेंगे सलाम

विश्वविद्यालयों में छात्रों के अंदर देशभक्ति की भावना बढ़ाने के लिए सेना के टैंक रखने का सुझाव जेएयू के वाइस-चांसलर जगदीश कुमार ने दिया था। लेकिन इसे अमली जामा पहनाने का श्रेय समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने पाया। रामपुर स्थित मौलाना जौहर अली उर्दू विश्वविद्यालय के कैंपस में बुधवार को सेना का भेजा हुआ टैंक पहुंच गया। आजम खान ने कहा कि सेना ने हमारी यूनिवर्सिटी को टैंक देकर सम्मान बढ़ाया है। टैंक पहुंचा तो छात्रों ने जोशो खरोश से उसका स्वागत किया।

सेना और हमारे बीच नहीं कोई गलतफहमी

उन्होंने कहा कि सुना जाता है कि हमारे और सेना के बीच कोई गलतफहमी थी, लेकिन न कोई गलतफहमी थी और न होगी। भारतीय सेना ऐसे शैक्षिक संस्थान को टैंक नहीं देती, जिसकी ख्याति ठीक न हो। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि सेना ने हमें यह तोहफा दिया है। आपको बता दें भारतीय सेना की ओर से पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां के मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय को युद्ध ट्रॉफी के रूप में भेंट किया गया चाबुक टैंक टी-55 बुधवार को रामपुर पहुंचा।

कैसे पहुंचा टैंक जौहर यूनिवर्सिटी

टैंक के रामपुर पहुँचने में 20 दिन का समय लगा, पूना से रामपुर की दूरी 1682 किलोमीटर है। जिसका सफर तय कर टैंक यूनिवर्सिटी पहुंचा। रामपुर में अंबेडकर पार्क पर जौहर यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं पहले से ही मौजूद थे। उन्होंने टैंक का जोरदार स्वागत किया। टैंक को बड़े ट्राले में रखकर लाया गया, जिसके आगे छात्र बाइकों पर जुलूस के रूप में चल रहे थे।

रिपोर्ट के अनुसार सेना ने बेकार हो चुके टैंक को 1.96 लाख रुपये में यूनिवर्सिटी को दिया है। आजम खान ने कहा कि सेना से हजारों यूनिवर्सिटी ने टैंक के लिए आवेदन किया था लेकिन केवल 11 यूनिवर्सिटी को ये मिले। आजम खान ने कहा कि सेना ने उनकी यूनिवर्सिटी को अच्छा समझ कर ही टैंक देने का फैसला लिया। आजम खान ने सेना का इसके लिए शुक्रिया कहा। आजम ने कहा कि वो चाहते हैं कि सेना उन्हें हेलीकॉप्टर, तोप और लड़ाकू जहाज भी दे ताकि वो यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के लिए रखे जा सकें।

छात्रों के इस काम आएगा टैंक

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के मुताबिक सेना का चाबुक टैंक विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग के छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए आया है। टैंक के पहुंचने पर छात्रों ने आजम खान जिंदाबाद, जौहर यूनिवर्सिटी जिंदाबाद और भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे लगाये। आजम ने कहा, ‘सेना के साथ मेरे संबंध काफी सौहार्दपूर्ण हैं. उनसे और हथियार उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.’ वह बोले जौहर विश्वविद्यालय ऐसी शैक्षिक संस्था है, जिसे देश और देश के बाहर लोग जानते हैं।

हमें खुशी है कि हम उनके परिवार का हिस्सा हो गए। सेना हमें लड़ाकू जहाज, तोप, टैंक, हेलीकॉप्टर आदि दे, ताकि हम विश्वविद्यालय को सैन्य हथियारों की नुमाइशगाह बना सकें और हम ऐसा करेंगे। विरोधियों पर निशाना साधते हुए आजम ने कहा कि अब लोग रोएं और घर की रोशनी बंद कर दें। भाजपा सरकार में टैंक मिलने के सवाल पर कहा कि सेना कोई भाजपा का संगठन नहीं है। सेना पर किसी भी राजनैतिक दल का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हजारों आवेदनों में सेना ने जौहर विश्वविद्यालय को पहले स्थान पर नाम दिया है।

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