दिलचस्प

साँप का खेल दिखा रहे व्यक्ति के साथ हुआ ऐसा भयानक हादसा, सपेरे की हो गयी मौत

कपूरथला: भारत को पहले संपेरों का देश कहा जाता था। क्योंकि भारत ही इकलौता ऐसा देश है जहाँ साँपों को बीन बजाकर नियंत्रित किया जाता है। यह काम सदियों से किया जा रहा है। इसी वजह से पक्षिमी देशों में भारत की छवि संपेरों के देश के रूप में बन गयी। हालांकि आज पुरे देश में नाम मात्र के ही संपेरे बचे हैं। संपेरों का मुख्य काम साँपों का खले दिखाकर लोगों का मनोरंजन करना होता है। इसी से उनकी कुछ कुछ कमाई हो जाती है, जिससे उनका घर चलता है।

जैसा की सभी जानते हैं साँप बहुत ही खतरनाक जीव होता है। लोगों का यह मानना है कि साँप को दूध पिलाकर उसे दोस्त बनाया जा सकता है। लेकिन विज्ञान इसके उलट कहता है। विज्ञान के अनुसार जहरीले साँपों के लिए दूध किसी जहर की तरह होता है। अगर जहरीला साँप दूध पिएगा तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है। साँप बिना जहर वाला भी क्यों ना हो, उसे देखते ही दिल धक से धड़क उठता है।

बिना दांत तोड़े ही दिखाते हैं करतब:

साँप का खेल दिखा रहे व्यक्ति के साथ हुआ एक भयानक हादसा और फिर....

अक्सर आपनें कई संपेरों को साँपों के साथ तरह-तरह के करतब करते हुए देखे होंगे। आजकल तो यह बहुत कम हो गया है, जबकि पहले बहुत ज्यादा देखनें को मिलता था। आज भी भारत के ग्रामीण इलाकों में कुछ संपेरे बचे हुए हैं, जिनका मुख्य काम आज भी यही है। कुछ संपेरे जहरीले साँपों के दांत तोड़कर रखते हैं, जबकि कुछ बिना दांत तोड़े ही करतब दिखाते हैं, जो कई बार उनके लिए जानलेवा साबित हो जाता है।

करतब के दौरान व्यक्ति को काटा साँप ने:

हाल ही में एक ऐसी ही घटना हुई है, जिसमें साँप का खेल दिखानें वाले व्यक्ति की उसके ही साँप के काटनें से मृत्यु हो गयी। दरअसल साँप का खेल दिखानें वाला व्यक्ति अपने गले में साँप डालकर खेल दिखा रहा था। तभी अचानक साँप ने उसे काट लिया और उसकी हालत बिगड़ने से मृत्यु हो गयी। मृतक का पोस्टमार्टम करनें के लिए शव को कपूरथला के शवगृह में भेज दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुदेश कुमार निवासी तलवंडी महिमा जो किसी भी धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अपने गले में साँप डालकर खेल दिखाता था। शेखूपुर गाँव में एक शोभायात्रा निकाली जा रही थी। उसमें वह साँप का खेल दिखा रहा था। अचानक साँप ने उसे काट लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। उसे इलाज के लिए कपूरथला के सिविल अस्पताल में भर्ती अर्वाया गया। उसकी हालत और भी खराब होनें लगी, जिसकी वजह से उसे जालंधर ले जाया जा रहा था। रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गयी।

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