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नवरात्री विशेष: अखंड ज्योति जलानें से पहले जरुर रखना चाहिए इन बातों को ध्यान

21 सितम्बर दिन बृहस्पतिवार से नवरात्री की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्री के समय हर जगह माता की ही धूम मची रहती है। जगह-जगह पंडालों में माँ की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्री के समय माँ के नौ रुपों (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा,स्कंदमाता, कात्यायनी, महागौरी, और सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है। ऐसा मन जाता है कि इन नौ दिनों में माता की सच्चे मन से आराधना करनें वाले व्यक्ति की हर मनोकामना की पूर्ति हो जाती है।

नहीं दे पाते अखंड ज्योति से जुडी महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान:

नवरात्री में माता की पूजा से सम्बंधित कई तैयारिया की जाती हैं। कुछ लोग नवरात्री में ९ दिनों तक व्रत रहते हैं। व्रत की शुरुआत करनें से पहले घर में अखंड ज्योति जलाते हैं। अखंड ज्योति जलानें को तो लोग जला देते हैं, लेकिन इससे जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर लोग ध्यान नहीं देते हैं। इस वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिना जानकारी के अखंड ज्योति जलानें से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए अखंड ज्योति जलानें से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।

अखंड ज्योति जलानें के समय और बाद में रखें इन बातों का ध्यान:

*- शास्त्रों में यह वर्णित है कि जबतक आपनें अखंड ज्योति प्रज्वलित करनें का पप्रण लिया है, अखंड ज्योति उससे पहले बुझनी कहानी चाहिए। कुछ भी हो जाए यह आपका फर्ज बनता है कि अखंड ज्योति जलती रहे। ऐसा ना होनें पर आपको जीवन में भयंकर परिणाम भुगतनें पड़ते हैं।

*- अखंड ज्योति जलाते समय आस-पास सफाई का खास ध्यान दिया जाता है। यह सुनिश्चित कर लें कि आप कहीं अखंड ज्योति बाथरूम या टॉयलेट के पास तो नहीं जला रहे हैं।

*- कई बार हवा चलनें की वजह से अखंड ज्योति बुझ जाती है। हवा से बचानें के लिए आप अखंड ज्योति को किसी कांच के गोले में रख सकते हैं। ऐसा करनें से उसके ऊपर हवा का कोई असर नहीं होता है।

*- कई बार ज्यादा देर तक जलनें की वजह से अखंड ज्योति की बाती में कालिख जम जाती है, जिससे बाती बुझनें लगती है। ऐसी स्थिति में अलग से बाती बनाक्जर अखंड ज्योति में लगा दें, ताकि वह हमेशा बिना बाधा के जलती रहे।

*- अखंड ज्योति लगातार 9 दिनों तक जलती रहती है। इसलिए कई बार भूल से उसमें घी की कमी पद जाती है। ऐसा बिलकुल ना होनें दे और उसमें पर्याप्त मात्रा में घी भरकर रखें।

*- ऐसा मन जाता है कि जिस घर में अखंड ज्योति जलाई जाती है, वहां के लोगों को जमीन पर सोना चाहिए।

*- आपका संकल्प पूरा होनें के बाद भी अगर अखंड ज्योति जल रही हो तो उसे मुंह से फूंककर ना बुझायें, उसे ऐसे ही जलते रहनें दें।

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