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फर्जी बाबाओं की लिस्ट बननें वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के प्रवक्ता मोहन दास ट्रेन से हुए गायब

भोपाल: इस समय देश में फर्जी बाबाओं की संख्या काफी बढ़ गयी है। इस समय पुरे देश में लोगों के लिए भगवान यही फर्जी बाबा बने हुए है। इनकी वजह से हिन्दू धर्म को भी काफी नुकसान पहुँचा है। इन्ही की करतूतों की वजह से आज जो लोग धर्म में विश्वास नहीं करते हैं, उन्होंने धर्म का और मज़ाक उड़ना शुरू कर दिया है। फर्जी बाबाओं ने अपने काले करतूतों से ना ही केवल इंसानियत को शर्मसार किया है, बल्कि लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ भी किया है। हाल-फिलहाल की घटनाओं को देखकर यकीन हो गया है कि अब देश में सही मायनों में कोई बाबा नहीं बचा है।

फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी करने वाले महंत गायब:

जो बाबा हैं उन्हें ऐसी ऐयाशी वाली जिंदगी की कोई कामना नहीं है। जबकि ये फर्जी बाबा, बाबा बनकर लोगों से जमकर पैसा ऐंठते हैं और आराम की जिंदगी जीते हैं। इन्ही से परेशान होकर अखिल भारतीय आखाडा परिषद् ने कुछ दिनों पहले देश के कुछ फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी, ताकि भोली-भाली जनता इनके चंगुल में फँसने से बच सके। आपको जानकर काफ़ी हैरानी होनें वाली है कि जिस व्यक्ति ने देश के फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी थी थी, वह इस समय लापता हो गया है।

महंत हरिद्वार से जा रहे थे मुंबई:

जी हाँ देश के तमाम फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी करनें वाले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के प्रवक्ता और उदासी अखाड़ा के महंत मोहन दास अचानक ट्रेन से गायब हो गए हैं। बताया जा रहा है कि वह हरिद्वार से मुंबई जा रहे थे। इसी बीच वह ट्रेन से गायब हो गए। उनके गायब होनें के बाद से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार उनके मोबाइल की आख़िरी लोकेशन मेरठ की थी, उसके बाद वह अचानक गायब हो गए। भोपाल जीआरपी की एसपी अनीता मालवीय का कहना है कि महंत मोहन दास हरिद्वार-लोकमान्य तिलक टर्मिनल गाड़ी क्रमांक 12172 के ए-वन कोच में यात्रा कर रहे थे।

जिस ट्रेन में कर रहे थे यात्रा, चल रही थी 9 घंटे की देरी से:

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बताया जा रहा है किवे दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन पर उतरे थे, उसके बाद उन्हें किसी भी यात्री व अटेंडेंट ने नहीं देखा।’ रेलवे पुलिस के अनुसार, वे जिस गाड़ी में यात्रा कर रहे थे वह नौ घंटे की देरी से चल रही थी और शनिवार रात साढ़े सात बजे भोपाल पहुंची। जब उनका एक सेवादार उन्हें भोजन देने के लिए गाड़ी पर आया तो महंत को ना देखकर उसके होश उड़ गए। उसने तत्काल इसकी सूचना अन्य लोगों को दी। एसपी अनीता मालवीय ने बताया कि जब उन्हें महंत के गायब होने की सूचना मिली तब तक गाड़ी भुसावल स्टेशन तक पहुंच चुकी थी।

निजामुद्दीन स्टेशन के बाद चढ़े ही नहीं कोच में:

भुसावल जीआरपी ने संबंधित कोच ए-वन की सीट 22 पर जाकर देखा तो वहां कुछ सामान रखा हुआ था। महंत मोहनदास जिस डिब्बे में यात्रा कर रहे थे, उसमें यात्रा करनें वाले लोगों ने भी भुसावल जीआरपी को बताया कि वे निजामुद्दीन स्टेशन के बाद कोच में आये ही नहीं। उनका सामान वहीं रखा रहा। महंत के लापता होने की बात उस समय सामने आई जब गाड़ी रविवार को कल्याण रेलवे स्टेशन पहुंची और उनकी अगवानी के लिए आए लोगों को महंत नहीं मिले।

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