अध्यात्म

घर के मंदिर में पूजा करते वक्त भूलकर भी ना करें ऐसी गलतियां.. भगवान हो जाते हैं नाराज़

हिंदू धर्म में नियमित तौर पर पूजा पाठ करने का प्रावधान है। माना जाता है कि रोज पूजा करने से घर में शांति आती है। आसपास का वातावरण शुद्ध बना रहता है, लेकिन पूजा पाठ करते वक्त आप को कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरुरी है।पूजा के वक्त इन बातों को नजरअंदाज किया गया तो घर में दरिद्रता, बीमारी और अशांति आ सकती है। ऐसे में जरुरी है कि पूजा के वक्त इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं क्या हैं वे खास बातें जिनका ध्यान हमें अवश्य रखना ही चाहिए।

1 मंदिर की दिशा का अवश्य रखें ध्यान

सभी घरों में देवी-देवताओं के लिए एक अलग स्थान होता है। कुछ घरों में छोटे-छोटे मंदिर बनवाए जाते हैं। लेकिन हम जानकारी के अभाव में मंदिर बनाते वक्त कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जो कि अशुभ होती है। मंदिर के निर्माण के समय दिशा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए और हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में ही मंदिर को स्थापित करना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि ईश्वर का निवास इसी दिशा में होता है।घर में मंदिर कुछ ऐसे स्थापित किया जाना चाहिए जहां ताजी हवा और सूरज की रोशनी पहुंचती हो। जिन घरों में सूर्य की किरणों का प्रवेश होता है उन घरों में दोष तो वैसे ही समाप्त हो जाते हैं।

2 मंदिर में भूलकर भी नही होनी चाहिए ऐसी वस्तुएं

घर में जिस स्थान पर मंदिर है, वहां चमड़े से बनी चीजें, जूते-चप्पल नहीं ले जाना चाहिए। मंदिर में मृतकों और पूर्वजों के चित्र भी नहीं लगाना चाहिए। पूर्वजों के चित्र लगाने के लिए दक्षिण दिशा क्षेत्र रहती है। घर में दक्षिण दिशा की दीवार पर मृतकों के चित्र लगाए जा सकते हैं, लेकिन मंदिर में नहीं रखना चाहिए।

3 खण्डित मुर्ति ना रखे

शास्त्रों के अनुसार खंडित मूर्तियों की पूजा वर्जित है। जो भी मूर्ति खंडित हो जाती है, उसे पूजा के स्थल से हटा देना चाहिए और किसी पवित्र बहती नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। खंडित मूर्तियों की पूजा अशुभ मानी गई है।

4 मूर्तियों का मुख रखे इस प्रकार

हिन्दू धर्म में जहां मूर्ति पूजा को विशेष स्थान दिया गया है वहां ईश्वर के स्वरूप और उसके पूजन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। पर मुर्ति स्थापित करते वक्त ये ध्यान रखना चाहिए कि घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियों का मुख एक दूसरे के सामने ना पड़े।

4 न हो अखंडित चावल

पूजा चाहे कोई भी हो, सभी में चावल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन ध्यान रहे कि पूजा में जिन भी चावलों का प्रयोग हो, वह अखंडित हों अर्थात टूटे हुए न हों। चावल चढ़ाने से पहले अगर आप उन्हें हल्दी के घोल से पीला कर लेते हैं तो यह और भी शुभ है। कभी भी धार्मिक कार्य के लिए किसी खंडित वस्तु, जैसे टूटे दीपक आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

5 दीपक जलाए पर ध्यान से

घर में पूजा पाठ के दौरान घर में हमेशा दो दिया जलाना चाहिए। एक दीपक घी का और दूसरा तेल का।अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसमें सफेद रूई की बत्ती का उपयोग करें, वहीं अगर आप तेल का दीपक जलाते हैं तो लाल रंग की बत्ती उपयुक्त रहती है।साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा के दौरान लगाया जाने वाला दीपक भगवान की मूर्ति के ठीक सामने हो, दीपक को किसी दूसरी दिशा या इधर-उधर लगाना सही नहीं है।पूजन करते वक्त ये भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए.. ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है।

6 दीपक से न जलाए अगरबत्ती

कहा जाता है कि पूजा के दौरान कभी भी दीपक से अगरबत्ती या धूप नहीं जलानी चाहिए। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है।

7 नहीं जलाएं बांस की अगरबत्ती

धर्म शास्त्रों के अनुसार बांस से निर्मित अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। अगरबत्ती सिर्फ खुशबू के लिए नहीं जलानी चाहिए। अगर अगरबत्ती का सही चुनाव नहीं किया गया तो घर में गरीबी आ सकती है।

8 फूंक मारकर न बुझाए माचिस की तीली

पूजा के वक्त धूप, दीप, अगरबत्ती जलाने के बाद माचिस की तीली फूंक मारकर नहीं बुझानी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर से लक्ष्मी दूर होती है।

9 आरती का खास महत्व

पूजा के अंत में हमेशा आरती करनी चाहिए और आरती के बाद उसी स्थान पर तीन बार घूमकर परिक्रमा करनी चाहिए।

तो चलिए फिर पूजा करने का सही तरीका भी हमने आपको बता दिया और यह भी बता दिया कि किन गलतियों से आपको बचना चाहिए।उपरोक्त बातों का ध्यान रखना आवश्यक है..आजकल की जनरेशन कभी बिजी होने का बहाना तो कभी अंधविश्वास को आधार बताकर ईश्वर पर आस्था रखने, उन्हें याद करने से बचने लगी है। परंतु एक बार अपने विश्वास को टिका कर देखिए, जीवन में एक बड़ा परिमार्जन आप अवश्य महसूस करेंगे।

 

 

 

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