अध्यात्म

आज इस तरह से करें माँ लक्ष्मी की पूजा प्रसन्न होकर देंगी धन-दौलत का वरदान

आज वृहस्पतिवार के दिन नवमी पड़ रही है, आज के दिन नवमी तिथि का श्राद्ध किया जाता है। आज के दिन को सौभाग्यवती श्राद्ध या मातृ नवमी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में महिलाओं को माँ लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में महिलाओं को विशेष इज्जत और सम्मान दिया जाता है, उस घर में कभी भी धन-दौलत की कमी नहीं होती है और माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा उस घर पर बनी रहती है।

नहीं होता किसी चीज की कमी का अहसास:

आज के दिन घर की अविवाहित कन्या अविवाहित पुत्री को विशेष भोजन करवानें या विवाहित पुत्री के ससुराल में विशिष्ट भोजन भिजवाकर भी आप माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पा सके हैं। यह परम्परा हिन्दू धर्म में काफी पहले से चली आ रही है। जो भी व्यक्ति आज के दिन शास्त्रों में लिखी गयी बातों के अनुसार काम करता है, उसे जीवन में कभी किसी चीज की कमी का अहसास नहीं होता है।

अपनी बेटियों को दें यह भोजन, मिलेगा वरदान:

आज के दिन बेटियों को केसर की खीर, बेसन का हलवा, सफ़ेद और पीले रंग की कोई मिठाई, केसर भात और पीले रंग के फल दें। अगर आपके घर पर कोई कन्या या बेटी ना हो तो तो किसी भी सुहागन महिला को कलश, जरकन, आता, इत्र, शक्कर, और घी उपहार स्वरुप देना अच्छा माना जाता है। अगर जिस महिला को आप उपहार दे रहे हैं, वह ब्राह्मण हो तो और भी अच्छा होता है।

साथ ही आप किसी भी कुँवारी कन्या को नारियल, मिश्री और मखाना भी भेंट कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा के लिए बनी रहती है। किसी भी श्राद्ध वाले दिन सिंघाड़े के आते से बने मीठे या नमकीन पकवान खिलाये जा सकते हैं। जिन चीजों को सुहागन और कुँवारी कन्यायों को देने के लिए कहा गया है, उन चीजों को आप अपनी बेटी को भी दे सकते हैं।

नहीं होता जीवन में किसी तरह का कष्ट:

माता लक्ष्मी का रूप घर की लक्ष्मी को ये सभी भोज्य पदार्थ श्राद्ध के ख़ास दिन देने से जीवन में व्यक्ति को कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। उसका घरबार हमेशा धन-धान्य से भर रहता है। व्यक्ति कर्जे के चक्रव्यूह से भी निकल जाता है। यह भी कहा जाता है कि कन्यायों को भोज्य पदार्थ देने ने आयु में भी वृद्धि होती है। व्यक्ति का दिमाग भी तेज होता है। साथ ही परिवार में किसी तरह का कष्ट नहीं रहता है। समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। प्रणय और भोग के सुख की भी प्राप्ति होती है। व्यक्ति का स्वास्थ्य भी इससे अच्छा होता है।

Back to top button