राजनीति

भारत के आगे फिर गिड़गिडाया चीन, मानसरोवर मुद्दे पर मोदी की हर बात मानने को हुआ तैयार

बीजिंग – डोकलाम पर चीन को झुकाने के बाद भारत और दूसरे देश चीन को हर जगह पर चुनौती दे रहे हैं। अब भारत के कड़े रुख के बाद चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर नरमी दिखाई है। चीन ने मंगलवार को कहा है कि वह अभी कुछ दिनों तक ब्रह्मपुत्र नदी का जलीय आकंड़ा भारत को नहीं दे सकता क्योंकि अभी संग्रहण केंद्र को अपग्रेड किया जा रहा है। आपको बता दें कि चीन काफी समय से भारत को लगातार साझा होने वाले जलीय आकड़ों को साझा नहीं कर रहा था।

 मानसरोवर मुद्दे पर भारत से होगी बात

China appreciates pm modi

चीन ने डोकलाम के बाद एक बार फिर से भारते के दबाव के आगे अपने हथियार डाल दिया है। चीन ने तिब्बत के रास्ते कैलाश-मानसरोवर यात्रा शुरू करने के लिए बातचीत करने की बात कही है। गौरतलब है कि चीन भारत को पिछले एक साल से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का आंकड़ा साझा नहीं कर रहा था। कैलाश मानसरोवर यात्रा चीन भारत के बीच बढ़ते डोकलाम विवाद के कारण बंद कर दिया गया था।

चीन ने फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा को शुरू करने के लिए बातचीत के कि बात कही है। चीन ने भारत से कहा है कि, वह भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए नाथूला पास को फिर से खोलने के बातचीत करना चाहता है। यह बात चीन के विदेश मंत्री गेंग सुआंग ने कही। आपको बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुए समझौते के मुताबिक बात पर दोनों देशों ने अपनी सहमति दी है।

नाथुला र्दा को फिर से खोलने पर होगी सहमति

भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता शीए लियान के मुताबिक, लिपुलेख र्दा के जरिए आधिकारिक यात्रा और ल्हासा एवं पुरांग के जरिए गैर आधिकारिक यात्रा अभी भी पहले कि तरह ही हो रही है। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा को चीन एवं भारत के लोगों के बीच आपसी संबंधों एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान बताया। हाल ही में चीन में आयोजित हुए ब्रिक्स सम्मेलन में दोनों देशों के नेताओं कि मुलाकात हुई थी।

गौरतलब है कि अभी चीन से 2 महिनों से चल रहा डोकलाम विवाद अब खत्म हो चुका है। डोकलाम विवाद के खत्म होते ही पीएम म्यांमार का दौरा कर रहे हैं। पीएम के इस दौरे से चीन एक बार फिर नाराज हो सकता है। भारत के लिए क्योंकि साउथ-ईस्ट एशियाई देशों में जाने के लिए म्यांमार एक ‘गेटवे’ जैसा है, इसलिए म्‍यांमार के साथ स्ट्रैटजिक और इंडस्ट्रियल रिश्तों को मजबूत करना जरुरी है।

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