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पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी नहीं खानी चाहिए ये 5 चीजें, हो सकता है भयंकर परिणाम

भारत एक ऐसा देश है, जहाँ कई धर्मों के लोग साथ मिलकर रहते हैं। हालांकि यहाँ हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। हर धर्म की तरह हिन्दू धर्म की भी अपनी कुछ अलग-अलग परम्पराएं हैं, जिसका लोग पालन करते हैं। हिन्दू धर्म में सभी कार्य ग्रह-नक्षत्रों को ध्यान में रखकर किया जाता है। लगभग हर महीने में कोई ना कोई कार्य किया जाता है। लेकिन कुछ ऐसे समय भी होते है, जिसके दौरान शुभ कार्यों पर रोक होती है।

खुश होकर देते हैं सुखी जीवन का आशीर्वाद:

हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा ही महत्व होता है। यह समय पितृपक्ष का चल रहा है। इस समय अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ एवं पिंडदान किया जाता है। इससे पितर खुश होकर सुखी जीवन का वरदान देते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब पितर खुश नहीं होते हैं तो व्यक्ति के ऊपर पितृदोष होता है। ऐसे में व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पूजा-पाठ के साथ करवाया जाता है ब्राह्मणों को भोजन:

पितृपक्ष के दौरान खान-पान का बड़ा ही महत्व होता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ तो किया ही जाता है, साथ ही ब्राह्मणों को भोजन भी करवाया जाता है। इस दौरान सात्विक भोजन करने की परम्परा है। जो ऐसा नहीं करते हैं, उनके पितर उनसे नाराज भी ओ जाते हैं। कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिनका सेवन पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आज हम आपको उन्ही चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं।

भूलकर भी ना खाएं ये 5 चीजें:

*- बासी भोजन:

पितृपक्ष के दौरान खुद और जिसे आप भोजन करवानें जा रहे हों, उसे भूलकर भी बासी खाना खानें के लिए नहीं देना चाहिए। इन दिनों में ऐसे खानें से दूर ही रहना चाहिए। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बासी खाना हानिकारक होता है।

*- चना और सत्तू:

श्राद्ध के समय में चनें का सेवन वर्जित माना जाता है। इस समय में चनें से बनी हुई हर चीज के सेवन पर प्रतिबन्ध है, यहाँ तक की चनें के सत्तू को खानें पर भी प्रतिबन्ध है।

*- मूली, लौकी, खीरा:

श्राद्ध के दौरान इन चीजों के खानें पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है। इस समय सरसों के साग खानें और खिलानें पर भी प्रतिबन्ध है।

*- काला नमक:

श्राद्ध के समय में खानें में काले नमक के इस्तेमाल पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है। इस दौरान खानें में काले नामा का प्रयोग भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

*- मसूर की दाल:

श्राद्ध हो या मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए होने वाली तेरहवी में किसी भी तरह के कच्चे खानें को खानें और खिलानें से माना किया जाता है। लेकिन इस समय दाल में मूंग और उड़द की दाल का इस्तेमाल बड़ा बनानें के लिए किया जा सकता है। लेकिन मसूर की दाल को इस समय किसी भी रूप में नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है।

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