अध्यात्म

सफ़र पर निकलने से पहले नहीं कहना चाहिए इन लोगों को अपशब्द, हो सकता है हादसा..

घर के बाहर निकलने से पहले अक्सर लोग आपको शुभकामनाएं देते हैं. कुछ ‘हैप्पी जर्नी’ तो कुछ ‘यात्रा मंगलमय हो’, ऐसा बोलते हैं. लोगों के ऐसा बोलने का मकसद आपकी यात्रा में कोई बाधा ना आये, इससे होता है. घर के बड़े-बुजुर्ग भी हमें घर से बाहर निकलने से पहले कुछ हिदायतें देते हैं. उनकी दी हुई हिदायतों को कभी नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए. जैसे कि घर के बाहर निकलने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए. मीठा खाना शुभ होता है.

कहते हैं कि मीठा खाकर निकलने से कार्य में सफलता मिलती है. पर ध्यान देने की बात यह है कि मीठा खाने के बाद पानी ज़रूर पीना चाहिए. वास्तुशास्त्र के अनुसार पानी पी लेने से नकरात्मक शक्तियां आपकी तरफ आकर्षित नहीं होती हैं. यह छोटी-छोटी बातें हमारी यात्रा को सफल और सुखमय बना सकती हैं. इतना ही नही, बड़ों का तो यह भी मानना है कि घर से कभी भी झगड़ा कर के नही निकलना चाहिए. झगड़ा कर के निकलने पर कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

घर के बाहर कदम रखते वक़्त अपशब्दों का प्रयोग ना करें :

घर के बाहर कदम रखते वक़्त ग़लत या अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसके विपरीत किसी महत्वपूर्ण यात्रा पे जाने से पहले शुभ, पवित्र और मंगलकारी मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए. लेकिन सबसे ज़्यादा ध्यान रखने योग्य बात यह है कि घर से बाहर निकलते वक़्त ग़लती से भी नदी, हवा, पर्वत, आग और धरती के बारे में कुछ ग़लत नहीं बोलना चाहिए.

यह हम सबको भगवान द्वारा मिली हुई प्राकृतिक देन हैं. इनका ग़लती से भी मज़ाक उड़ाना भारी पड़ सकता है. ऐसा करने पर हो सकता है कि आपके यात्रा का मकसद पूरा ना हो या सफ़र के दौरान कोई दुर्घटना घट जाए. इसके अलावा व्यक्ति को भूल कर भी किसी प्राकृतिक संपत्ति को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए. हमेशा इनकी इज्ज़त करें. इनका अपमान सृष्टि के अपमान के बराबर माना जाता है. अगर आपने कभी भी इनका अपमान किया तो तन, मन, धन के अलावा आपके जीवन को भी नुकसान पहुंच सकता है.

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