समाचार

आटा चक्की चलाने वाले की बेटी बनी बिहार टॉपर, गरीब पिता बोले- कभी नहीं किया बेटा-बेटी में फर्क

आज के जमाने में बेटियां भी बेटों से कम नहीं होती है। बल्कि पढ़ाई लिखाई के मामलों में तो वही हमेशा आगे निकलती हैं। हर साल जब परीक्षा के रिजल्ट आते हैं तो अधिकतर यही देखा जाता है कि लड़कियां बाजी मार जाती हैं। हाल ही में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर के नतीजे जारी हुए। इसमें भी लड़कियों ने टॉप किया। आज हम आपको एक गरीब घर की टॉपर से मिलाने जा रहे हैं।

पिता चलाते हैं आटा चक्की, बेटी कर गई टॉप


बिहार बोर्ड इंटर नतीजों के अनुसार इस बार 83.7 फीसदी स्टूडेंट पास हुए हैं। इसमें विज्ञान संकाय में आयुषी नंदन टॉपर रहीं। वहीं कॉमर्स संकाय में गया की एक गरीब परिवार की बेटी कोमल कुमारी ने सेकंड टॉप किया। कोमल गया के मिर्जा गालिब कॉलेज की छात्रा है। वह गया शहर के ओल्ड करीमगंज के कुम्हार गली में रहती हैं।

कोमल के पिता एक छोटी सी आटा चक्की चलकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। उनकी दो बेटियां हैं। उनके पिता का कहना है कि उन्हें कभी इस बात का पछतावा नहीं हुआ कि उनका बेटा नहीं है। गरीब होने के बावजूद उन्होंने कभी बेटियों को पढ़ाई लिखाई से वंचित नहीं रखा। उन्हें बेटों जैसा ही पाला। कोमल के पिता तीन भाई है और सबका खर्च इस आटा चक्की से ही चलता है।

इन लोगों को दिया सफलता का श्रेय

कोमल ने  बिहार इंटरमीडिएट की परीक्षा में कॉमर्स संकाय में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वह 500 में 474 नंबर लाई है। इस तरह उनके 94.9 फीसदी अंक आए हैं। वह अपनी इस सफलता का क्रेडिट माता-पिता और टीचर्स को देती हैं। कोमल बचपन से पढ़ाई में अच्छी रही हैं। उन्होंने 10वीं में भी अपने स्कूल में टॉप किया था। वह भविष्य में स्कूल टीचर बनना चाहती हैं।

कोमल की इस सफलता से उनका पूरा मोहल्ला खुश है। वह अपने मोहल्ले की बेटी की इस उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। कोमल कई छात्रों के लिए प्रेरणा भी बन गई है। उन्होंने दिखा दिया कि आपके अमीर या गरीब होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जीत अंत में सिर्फ मेहनत करने वालों को ही मिलती है।

परिवार में है खुशी का माहौल

कोमल की इस सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। माता-पिता की चेहरे की खुशी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उन्होंने तय कर लिया है कि वह बेटी को आगे भी इसी तरह पढ़ाएंगे। ताकि उसका भविष्य सवार सके। वैसे आपको कोमल की ये कहानी कैसी लगी? आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर कर दूसरों को भी प्रेरित जरूर करें।

Back to top button