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“लोग कहते थे नाजायज” सालों बाद महेश भट्ट का छलका दर्द, देखें बाप-बेटी की अनदेखी Pics

महेश भट्ट हिंदी सिनेमा के दिग्गज निर्देशकों में अपना स्थान रखते हैं। महेश भट्ट ने अपने निर्देशन में एक से बढ़कर एक हिट फिल्मों का निर्माण किया है। वहीं दर्शकों का भी उनकी फिल्मों को भरपूर प्यार मिला है। महेश भट्ट ने अपने जीवन में खूब शोहरत और अपार दौलत कमाई है। वही डायरेक्टर महेश भट्ट अपनी फिल्मों के साथ-साथ अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में बने रहते हैं।

महेश भट्ट की जिंदगी एक खुली किताब की तरह है। हाल ही में महेश भट्ट, अरबाज खान के शो The Invincibles में पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने बताया कि कैसे बचपन में उन्हें एक “नाजायज बच्चे” के रूप में कलंकित किया गया था। वही शो में पहुंचे महेश भट्ट का अपनी मां को याद करते हुए दर्द छलका।

महेश भट्ट को नाजायज औलाद कहकर कोसा जाता था

दरअसल, डायरेक्टर महेश भट्ट ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए यह बताया कि उनकी मां मुस्लिम थी और पिता हिंदू थे। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां को मुस्लिम होते हुए भी हिंदू बनकर रहना पड़ता था और अपनी पहचान को छुपाना पड़ता था।

महेश भट्ट ने अरबाज खान के शो The Invincibles के लेटेस्ट एपिसोड में बचपन को लेकर यह बताया कि वह एक मुस्लिम मां और हिंदू पिता की संतान हैं। उन्होंने बताया कि जब उनका जन्म हुआ था तो उस समय उनके मां-बाप की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में एक समय ऐसा था जब उनको नाजायज औलाद कहकर कोसा जाता था।

महेश भट्ट ने अपनी मां के बारे में बात करते हुए यह कहा कि “मैं 1948 में पैदा हुआ था। वो आजादी के बाद का भारत था और मेरी मां एक शिया मुसलमान थीं।” महेश भट्ट आगे कहते हैं कि हम शिवाजी पार्क में रहते थे, जहां ज्यादातर लोग हिंदू थे। उन्होंने बताया कि मेरी मां ने अपनी पहचान छुपाए रखी। वह खुद को हिंदू दिखाने के लिए साड़ी पहनती थी और टीका लगाया करती थी।

महेश भट्ट ने यह भी बताया कि मोहल्ले में उनके घर को नाजायज घर का तमगा दे दिया गया था। वहां सिर्फ दूसरों को जूठा उनतक पहुंचता था। वहीं उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि उनके पिता नानाभाई भट्ट अपने दूसरे परिवार के साथ अंधेरी में रहा करते थे। वह भी एक फिल्मकार थे। महेश भट्ट अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि “जब वह हमारे घर आते थे, मुझे लगता था जैसे कोई बाहर का इंसान आया है। बहुत से लोग मुझे कोने में करके मुझसे पूछते थे कि मेरा बाप कौन है।”

वहीं महेश भट्ट ने यह बताया कि उनके जन्म और पिता को लेकर कई बातें बनती थीं और उन्हें परेशान किया जाता था। लेकिन डायरेक्टर ने एक दिन इस बात को अपनाते हुए कह दिया था कि उनके पिता उनके साथ नहीं रहते, जिसके बाद लोगों ने उनको परेशान करना बंद कर दिया।

पत्रकार ने कही थी यह बात

महेश भट्ट ने इस बात का भी खुलासा किया कि कैसे एक पत्रकार ने उन्हें अपने आर्टिकल में “नाजायज” बताया था। उन्होंने कहा कि “उसने कहा आप… और फिर अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया। मैंने जवाब में आपका मतलब नाजायज है ना। उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उन्हें अपनी हैडलाइन मिल गई थी।”

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