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रसोई घर में की गयी इन गलतियों से पड़ता है परिवार के रिश्तों पर बुरा असर, हो सकते हैं कंगाल

आज के इस प्रगतिशील समाज में लोग वास्तुशास्त्र के ऊपर यकीन ही नहीं करते हैं। जो लोग यकीन करते भी हैं उनमें से कई भ्रम और असमंजस की स्थिति में रहते हैं। यह बहुत ही हानिकारक होता है। भूमि, जल, वायु, प्रकाश का सही समन्वय बनाकर घर का निर्माण करना ही वास्तुशास्त्र है। ये सभी चीजें जीवन के लिए अति आवश्यक होती हैं। इनमे से किसी एक चीज का असंतुलन होने पर घर में नकारत्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है, और व्यक्ति सारी जिंदगी परेशान रहता है।

वास्तु के नियमों का उलंघन करने पर भुगतने पड़ते हैं घातक परिणाम:

इसे एक उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है। सड़क पर चलते समय यह नियम बनाया गया है कि बायीं तरफ से ही चलना चाहिए। यह आवागमन का नियम है। इस नियम का उलंघन होने पर दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। ठीक इसी तरह से जब कोई वास्तु के नियमों का उलंघन करता है तो उसके स्वास्थ्य और पारिवारिक रिश्तों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वास्तुशास्त्र के हिसाब से घर के हर हिस्से का अपना महत्व होता है।

घर के ख़ास हिस्से में ही बनवाना चाहिए रसोईघर:

रसोईघर से लेकर बेडरूम और बाथरूम से लेकर लिविंग रूम की अपनी विशेषता होती है। आज हम रसोईघर के वास्तु की बात करेंगे। वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोई घर के कुछ निर्धारित स्थान हैं। रसोई घर उन्ही स्थानों पर बनवाना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोईघर, चिमनी भट्ठी आदि घर के एक ख़ास हिस्से में बनाया जाता है। जिससे हवा की वजह से खाने की गंध और धुएं घर के अन्य हिस्सों में ना फैले। इससे घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।

घर के किस हिस्से में होना चाहिए रसोईघर:

*- रसोई घर बनवाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह हमेशा आग्नेय कोण में ही स्थित हो।

*- रसोईघर के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। रसोईघर को घर के उत्तर-पक्षिम दिशा में भी बनवाया जा सकता है।

*- ऐसा माना जाता है कि अग्नि आग्नेय कोण में हो तो घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं पड़ता है। उस घर के लोग हमेशा सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।

*- जिस घर में रसोई दक्षिण दिशा में होती है, उस घर में कभी धन-दौलत की कमी नहीं होती है। साथ ही परिवार वालों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

*- रसोई घर आग्नेय कोण या पूर्व दिशा में होना चाहिए। ऐसा ना होने पर इन दोनों दिशाओं के मध्य में होना भी अच्छा होता है। वैसे रसोईघर के लिए सर्वोत्तम दिशा आग्नेय कोण ही माना जाता है।

*- रसोईघर में उत्तर-पक्षिम दिशा में स्टोर रूम, फ्रिज और बर्तन रखने के लिए जगह बनायें।

*- रसोईघर के दक्षिण-पक्षिम भाग में गेंहूं, आटा, चावल और अन्य अनाज रखना शुभ होता है।

*- भूलकर भी रसोईघर के बीच में गैस चूल्हा नहीं रखना चाहिए और ना ही जलाना चाहिए।

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