अध्यात्म

गणेश चतुर्थी विशेष: ऐसे करें गणपति बप्पा की स्थापना और पूजा, बप्पा हर लेंगे जीवन के सभी कष्ट

भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इसे संकट चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। महीने की हर चौथ पर भक्त भगवान गणेश की आराधना करते हैं। इस दिन को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में पुरे देश में मनाया जाता है। भगवान गणेश का जन्म समय दोपहर को माना जाता है। आज के दिन सिद्धिविनायक व्रत भी रखा जाता है। इसे कलंक चौथ या पत्थर चौथ के नाम से भी जानते हैं।

ऐसे करें भगवान गणेश की स्थापना

सबसे पहले प्रातः काल जागते ही घर की अच्छे से साफ़-सफाई करें। दोपहर तक स्नान अदि सभी कार्यों से निवृत्त होने के बाद घर की उत्तर दिशा में एक लाल कपड़ा बिछाएं। कोरे कलश में जल भरकर उसके मुँह पर कोरा कपड़ा बाँध लें। अब उसके ऊपर मिट्टी से बनी गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें। गणेश जी प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाने के बाद षोडशोपचार से पूजन करें।

इस विधि से करें पूजा नहीं होगी किसी चीज की कमी

*- सबसे पहले गणपति भगवान के समक्ष दीपक जलाएं।

*- इसके उपरांत जल से गणपति बप्पा का आचमन करें।

*- पवित्रकरण मूर्ति के ऊपर जल की कुछ बूंदे भगवान गणेश का नाम लेते हुए छिडकें।

*- गणपति जी को फूलों का आसन अर्पित करें।

*- इसके उपरंत स्वस्तिवाचन करें।

*- पूजा प्रारंभ करने के लिए संकल्प लें।

*- संकल्प लेने के बाद आँखें बंद करके भगवान गणपति का ध्यान करें।

*- ध्यान करते हुए भगवान गणेश का आह्वाहन करें।

*- गणेश जी की प्रतिमा के ऊपर चावल चढ़ाकर प्रतिष्ठापन करें।

*- दूर्वा से जल छिडककर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्नान करवायें।

*- प्रतिमा के समक्ष वस्त्र एवं उपवस्त्र चढ़ाकर, सिंदूर, फूल एवं दूर्वा चढ़ाएँ।

*- सुगन्धित धूप और दीप दिखाने के बाद भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगायें।

*- दक्षिणा एवं श्रीफल अर्पित करने के बाद गणेश जी की आरती उतारें।

*- पुष्पों से पुष्पांजली अर्पित करने के बाद अपने द्वारा की गयी भूल-चूक के लिए भगवान गणेश से क्षमा के लिए प्रार्थना करें।

*- भगवान गणेश को प्रणाम करके पूजा का समापन करें और अपनी क्षमता के अनुसार “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।

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