अध्यात्म

तुलसी की परिक्रमा कितनी बार करनी चाहिए? क्या हैं इसके नियम और मंत्र? जाने सबकुछ

तुलसी का पौधा लगभग हर हिंदू परिवार के घर देखने को मिल जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी को काफी पवित्र माना जाता है। हम इसे तुलसी देवी कहकर पुकारते है। कहते हैं कि इस पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। यह पौधा जिस भी घर में होता है वहाँ सुख, शांति और समृद्दि आती है। हालांकि इसे घर रखने के बाद इसकी दोनों समय पूजा पाठ भी करनी होती है। अगरबत्ती से लेकर दीपक तक सबकुछ लगाना होता है। तब जाकर तुलसी देवी आप से प्रसन्न होती है।

तुलसी परिक्रमा के लाभ

तुलसी देवी और मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए इस पौधे की परिक्रमा भी की जाती है। इस दौरान तुलसी मंत्र का जाप किया जाता है। ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है। बुरी शक्तियां दूर भागती है। जीवन के दुख खत्म होते हैं। सुखों की एंट्री होती है।

इसके अलावा तुलसी परिक्रमा से आपका मन शुद्ध और शांत रहता है। काम में अधिक मन लगता है। गुस्सा कम आता है। लेकिन तुलसी की परिक्रमा करने के कुछ खास नियम भी होते हैं। इनका पालन नहीं किया तो लाभ की बजाय नुकसान भी हो सकता है।

तुलसी परिक्रमा के नियम

1. तुलसी की परिक्रमा हमेशा स्नान करने के बाद ही करनी चाहिए। यदि आप यह स्नान सूर्योदय के पहले कर लें तो अतिउत्तम होता है। स्नान के बाद आपको साफ सुथरे और धुले हुए कपड़े ही पहनने चाहिए। इसके बाद ही देवी तुलसी की परिक्रमा करना चाहिए।

2. जब भी तुलसी की परिक्रमा करें तो उसके पहले भगवान सूर्य को भी जल अर्पित करें। ऐसा कर आप शुद्ध और पॉजिटिव एनर्जी से परिपूर्ण हो जाते हैं। इसके बाद तुलसी की परिक्रमा करने से आपकी मन की मुराद जल्द पूरी होती है। मां आपकी फ़रियाद जल्दी सुन लेती है।

3. तुलसी की परिक्रमा सिर्फ तीन बार करनी चाहिए। परिक्रमा करते-करते भी आप पौधे में जल चढ़ा सकते हैं। इस दौरान आप देवी मां से अपनी कोई भी मनोकामना पूर्ण करने की विनती कर सकते हैं। परिक्रमा हमेशा सीधे हाथ से शुरू करना चाहिए।

4. यदि आपके घर जगह की कमी है और आप तुलसी के चारों ओर परिक्रमा नहीं लगा सकते तो अपने ही स्थान पर खड़े होकर और घूमकर तीन पार परिक्रमा कर सकते हैं।

5. तुलसी की परिक्रमा करते समय आपका मन शांत और शुद्ध होना चाहिए। मन में कोई भी बुरे या गंदे विचार नहीं आने चाहिए। वरना लाभ की जगह हानि हो सकती है।

तुलसी परिक्रमा का मंत्र

तुलसी की परिक्रमा करते समय आपको जल चढ़ाने के साथ-साथ एक खास मंत्र का उच्चारण भी करना चाहिए। इससे तुलसी देवी आप से जल्दी प्रसन्न होती है। घर में सुख, शांति और पैसा लाती हैं। यह मंत्र है – महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

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