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दुमका की बेटी के सपोर्ट में आए सारे वकील, बोले- कोई भी नहीं लड़ेगा शाहरुख का केस..

झारखंड का दुमका शहर इन दिनों काफी चर्चा में है। यहां 12वीं की 16 वर्षीय अंकिता सिंह की 23 अगस्त को हत्या हो गई थी। उसे जिंदा जला दिया गया था। अंकिता की जान लेने वाला आरोपी शाहरुख उसी के मोहल्ले में रहता था। उसे अंकिता से इश्क था। लेकिन अंकिता शाहरुख से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती थी। बदले की आग में सुलगते शाहरुख ने बदला लेने के लिए अंकिता को पेट्रोल छिड़क कर जला दिया था। वह 95 फीसदी जल गई थी। फिर 27 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया था।

अंकिता की मौत के बाद से ही दुमका में तनाव का माहौल है। हर कोई गुस्से में है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहा है। आमजन और अंकिता के परिजनों की मांग है कि शाहरुख को फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत मामला चलकर फंसी की सजा दी जाए। यहां तक कि खुद अंकिता ने भी मरने से पहले कहा था कि ‘जिस तरह मैं मर रही हूं, वैसे ही उसे भी (शाहरुख को) मरना चाहिए।’ शाहरुख अभी पुलिस की गिरफ्त में है। उसका केस जल्द ही कोर्ट में शुरू हो जाएगा। इस बीच एक अच्छी खबर आ रही है।

कोई वकील नहीं लड़ेगा शाहरुख का केस

दरअसल अंकिता की निर्मम हत्या करने वाले शाहरुख का केस कोई भी वकील नहीं लड़ेगा। सभी ने शाहरुख के पक्ष में कोर्ट में केस लड़ने से मना कर दिया है। दुमका जिला अधिवक्ता संघ ने यह फैसला मिलकर लिया है। उन्होंने दुमका की एक बेटी की पेट्रोल छिड़ककर हत्या करने की कड़ी नंदा भी की है। उन्होंने अपनी ओर से जारी बयान में कहा कि हमारा कोई भी अधिवक्ता गिरफ्तार आरोपित का केस नहीं लड़ेगा।

महासचिव राकेश कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सभी की रजामंदी से ये फैसला लिया गया है कि दुमका की बेटी की निर्मम हत्या करने वाले आरोपियों का केस कोई भी अधिवक्ता नहीं लेगा। हम में से कोई इसकी पैरवी भी नहीं करेगा। 3 सितंबर को हम एक शोक सभा करेंगे और पेट्रोल कांड की शिकार दुमका की बेटी को श्रद्धांजलि देंगे।

संघ की इस बैठ में शामिल लोगों के नाम इस प्रकार हैं – उपाध्यक्ष कमल किशोर झा, महासचिव राकेश कुमार, संयुक्त सचिव सोमनाथ डे, कोषाध्यक्ष विमलेंदु कुमार कार्यकारिणी समिति सदस्य राजकुमार गुप्ता, विभूति भूषण झा, प्रवीर कुमार दूबे, त्रिपुरारी कुमार,सामंत सहाय,रेखा प्रसाद,वीणा सिंह,धनंजय कुमार झा और प्रदीप साह।

एक तरफा इश्क के चलते नहीं रही अंकिता

बताते चलें कि शाहरुख बीते कुछ दिनों से अंकिता का रोज स्कूल और कोचिंग तक पीछा कर रहा था। फिर उसने कहीं से अंकिता का मोबाइल नंबर जुगाड़ लिया था। वह अंकिता को रोज कॉल कर उस पर दोस्ती करने का दबाव बनाता था। जब अंकिता ने उसे साफ-साफ मना कर दिया तो उसने अंकिता को जान से मारने की धमकी दी। फिर 23 अगस्त की रात उसने अंकिता की खिड़की से पेट्रोल उसके कमरे में छिड़क आग लगा दी। इससे अंकिता बुरी तरह जल गई और कुछ दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया।

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