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एक मामूली सी टीचर ने खड़ी कर दी 22 हजार करोड़ की कंपनी, शाहरुख खान भी हैं इनके फैन

कहते हैं कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। यदि आप किसी भी काम को सिद्दत से करो तो उसमें बहुत आगे जा सकते हो। पैसा हर जगह मौजूद है बस आपको अपने क्षेत्र में सबसे टॉप पर जाना है। ऐसा करने के लिए आपके अंदर नए आइडियाज, हुनर और मेहनत करने की इच्छा होनी चाहिए। जब तक आप कोई बड़ा सपना देखेंगे नहीं वह पूरा नहीं होगा। आपको दुनिया से कुछ हटकर करना होगा, तभी आप एक बड़ा मुकाम हासिल कर पाएंगे।

आज हम आपको एक ऐसी महिला से मिलाने जा रहे हैं जो कभी बच्चों को पढ़ाने का काम किया करती थी। देश में वैसे तो एक टीचर की नौकरी बड़ी कॉमन बात है। आमतौर पर यही समझा जाता है कि टीचर के पास ज्यादा कमाई के साधन नहीं होते हैं। उनकी कमाई एक सीमित सीमा तक की हो सकती है। लेकिन हम यहां जिस महिला की बात कर रहे हैं उसने अपने टीचिंग के प्रोफेशन को 22000 करोड़ रुपए की कंपनी में बदल दिया।

कभी थी मामूली टीचर, ऐसे बनी 22 हजार करोड़ की मालकिन

हम यहां जिस प्रतिभाशाली महिला की बात कर रहे हैं उनका नाम है दिव्या गोकुलनाथ (Divya Gokulnath)। वह बायजू ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म (Byju’s Online Education Platform) की को-फाउंडर हैं। उनकी उम्र महज 35 साल है। लेकिन उनका नाम देश की कम उम्र वाली सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। उनके 39 वर्षीय पति बायजू रविंद्रन इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर आते हैं।

जिससे पढ़ी ट्यूशन उसी को दे बैठी दिल

बायजू ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म (Byju’s Online Education Platform) कंपनी की वर्तमान वैल्यू 22.3 हजार करोड़ रुपये के आसपास है। पति और पत्नी ने मिलकर इस कंपनी को एक अलग ही मुकाम दिया है। इसकी शुरुआत तब हुई जब दिव्या ट्यूशन पढ़ने रविंद्रन के पास जाया करती थी। यहीं दोनो को प्यार हुआ और उन्होंने शादी कर ली। उनके दो बेटे हैं। रविंद्रन जब गणित की ट्यूशन पढ़ाया करते थे। उन्होंने 2011 में ऑनलाइन शिक्षा देने वाली इस कंपनी की स्थापना की थी।

2008 में शुरू किया था करियर

दिव्या ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे 2008 से बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही हैं। कुछ बच्चे तो उनसे उम्र में कुछ ही साल छोटे थे। ऐसे में खुद को परिपक्व दिखाने के लिए वह साड़ी पहन कर पढ़ने जाया करती थी। दिव्या ने जब जीआरई परीक्षा पास की तो अमेरिका के टॉप के विश्वविद्यालयों में उनका एडमिशन हो रहा था

विदेश जाने का ऑफर मिला लेकिन भारत के लिए कुछ किया

वह चाहती तो विदेश में जॉब कर सेटल हो जाती। लेकिन वह अपने देश भारत में रहकर ही कुछ करना चाहती थी। इसकी एक वजह उनका अपने मां बाप की इकलौती संतान होना भी था। इसलिए वह बैंगलुरु में ही पति संग काम करने लगी। दिव्या आज उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो पैसे कमाने की दृष्टि से कुछ प्रोफेशन को कम आंकते हैं। सच तो ये है कि आप हर फील्ड में खूब पैसा कमा सकते हैं। बस आपको मेहनत करनी होगी और कुछ बड़ा सोचना होगा।

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