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इस महिला पत्रकार ने किया नरेंद्र मोदी का ‘स्टिंग ऑपरेशन’, खोल दिया ये बड़ा राज : देखें वीडियो

नई दिल्ली – गुजरात दंगों को लेकर नरेन्द्र मोदी हमेशा से देश के नेताओं और मीडिया के निशाने पर रहे हैं। ये वो दाग है जिसपर कोर्ट के फैसले के बाद भी पीएम मोदी को जवाब देना पड़ता है। आज भी इस दंगे कि आंच पीएम मोदी तक पहुंच ही जाती है। ताजा मामला गुजरात दंगों के वक्त तहलका के लिए काम करते हुए गुजरात दंगों पर स्टिंग ऑपरेशन करने वाली पत्रकार राणा अय्यूब कि किताब ‘गुजरात फाइल्‍स: एनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ है। इस किताब में गुजरात दंगों को लेकर अय्यूब ने कई खुलासे किये हैं। Rana ayyub sting on modi and amit shah.

 

गुजरात दंगों से जोड़ा गया था मोदी और शाह का नाम

अय्यूब ने अपनी किताब में इस बात का दावा किया है कि दंगों के समय अधिकारियों ने ये बात मानी थी कि उनके ऊपर राजनीतिक दबाव था। आपको बता दें कि राणा अय्यूब ने गुजरात दंगों के दौरान वहां एक स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें कई आला अधिकारियों और कई नेताओं के ऊपर स्टिंग किया गया था। अय्यूब आज भी ये दावा करती हैं कि उनके पास स्टिंग ऑपरेशन का टेप मौजूद है।

लेकिन, अय्यूब ने किताब में नरेंद्र मोदी का स्टिंग करने का दावा कर सबको चौका दिया है। अय्यूब ने किताब में इस बात का भी जिक्र किया है कि उस वक्त के आईपीएस अधिकारी राजन प्रियदर्शी ने एक बयान में मोदी और शाह का नाम गुजरात में दंगों से जोड़ने कि बात स्वीकारी थी। आपको बता दें कि प्रियदर्शी रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। प्रियदर्शी ने  कांग्रेस के लिए प्रचार भी किया था।

2002 दंगों के समय अधिकारियों पर था राजनीतिक दबाव   

पत्रकार राणा अय्यूब ने गुजरात दंगों पर स्टिंग ऑपरेशन को लेकर किताब ‘गुजरात फाइल्‍स- अनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ में इस बात का दावा किया है कि उस वक्त कई अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव की बात स्वीकार कि थी। अय्यूब ने ये भी बताया कि गुजरात दंगों के समय उन्‍होंने गांधीनगर स्थित बंगले पर घड़ी में कैमरा लगाकर मोदी का बयान रिकॉर्ड किया था। यह स्टिंग ऑपरेशन मोदी के साथ मौजूद अमित शाह पर भी किया गया था।

हालांकि, अय्यूब ने इस बात का भी आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव के कारण तहलका ने बाद में स्‍टोरी छापने से मना कर दिया। राणा अय्यूब ने स्टिंग के समय सबको अपना नाम मैथिली त्‍यागी बताया था जो अमेरिका की रहने वाली फिल्‍ममेकर थी। इसी नाम और फर्जी पहचान के जरिए उन्होंने अशोक नारायण, जीएल सिंघल, पीसी पांडे, जीसी राईघर, राजन प्रियदर्शी और वाईए शेख का स्टिंग ऑपरेशन किया था।

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