समाचार

मुगल साम्राज्य की कहानी से बच्चों को मिला छुटकारा, स्कूली किताबों में नहीं दिखेंगे बाबर-हिमायू

स्टूडेंट्स की बुक में कई ऐसे चैप्टर हुआ करते थे जिसमें मुगल शासकों के नाम और उनकी स्टोरी होती थी। इन मुगल शासकों के नाम बड़े अजीब होते थे। इन्हें याद करने में कई स्टूडेंट्स को कठिनाई होती थी। वहीं इसे पढ़ स्टूडेंट्स बोर भी हो जाते थे। अब ऐसे स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) ने शैक्षिक सत्र 2022-23 में दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के सिलेबस में से मुगल्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

CBSE सिलेबस से आउट हुए मुगल शासक

दरअसल बीते काफी दिनों से भारत में नई एजुकेशन पॉलिसी पर काम चल रहा है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट एक ऐसी नई और प्रैक्टिकल शिक्षा नीति लागू करना चाहता है जो स्टूडेंट को लाइफ में काम आए। इसके तहत स्कूल और कॉलेज में सिलेबस बदले जा रहे है। इसी कड़ी में CBSE ने सेंट्रल इस्लामिक लैंड और मुगल साम्राज्य से जुड़े अध्यायों को सिलेबस से हटा दिया है।

CBSE ने दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए नया पाठ्यक्रम निर्धारित किया है। इसमें 11वीं की इतिहास की किताब से सेंट्रल इस्लामिक लैंड ( इस्लाम का उदय और विका), 12वीं से मुगल साम्राज्य का पाठ हटाया गया है। अब इस नए शैक्षिक सत्र से ये अध्याय छात्रों को नहीं पढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा 10वीं की राजनीति विज्ञान की किताब से अहमद फैज की शायरी हटाई गई है। इसमें जाति, धर्म और लैंगिग मामले के उदाहरण बताए गए थे।

इस फैसले अभिभावकों ने किया स्वागत

बताते चलें कि बोर्ड ने ये नए पाठ्यक्रम एक साथ पूरे देश में लागू किए हैं। इसके अलावा 12वीं से पाषाणकाल में पृथ्वी पर मनुष्य का उद्भव और विकास, औद्योगिक क्रांति जैसे अध्याय भी हटाए गए हैं। मध्य प्रदेश के भोपाल में स्कूल प्रिंसिपल व अभिभावकों ने इस बदलाव का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अच्छा हुआ जो इन अध्यायों को हटा दिया गया। आखिर हमारे बच्चे इन आक्रांताओं का इतिहास क्‍यों पढ़ें?

इस दौरान कुछ अभिभावकों ने सीबीएसई को सुझाव देते हुए कहा कि कोर्स में हिंदुओं की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति व महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। अभी जो किताबें हैं उनमें कई ऐसे महापुरुषों का उल्लेख नहीं है जिनके बारे में बच्चों को जानकारी होना चाहिए।

उधर मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के प्रवक्ता डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने भी CBSE के सिलेबस से सेंट्रल इस्लामिक लैंड और मुगल साम्राज्य जैसे अध्यायों को हटाने पर खुशी जाहीर की है। उन्होंने कहा कि ये मुगल आक्रांता कभी हमारे हीरो नहीं थे। इसलिए बच्चों को इनके बारे में पढ़ने की जरूरत नहीं है। हम (मध्यप्रदेश सरकार) भी समीक्षा कर ये देखेंगे कि कहीं एमपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में इन आक्रांताओं के पाठ शामिल तो नहीं है।

Back to top button