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उद्धव सरकार ने लिया था औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला, शिंदे ने लगा दी रोक

महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद भी शिवसेना से बागी हुए विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच तकरार जारी है. शिवसेना से बागी हुए विधायक एकनाथ शिंदे ने कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली थी. वहीं शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद बागी विधायकों और उद्धव ठाकर के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.

एकनाथ शिंदे अब ठाकरे द्वारा शहरों आदि के नाम को बदलने के फैसले पर भी रोक लगा रहे हैं. हाल ही में शिंदे की सरकार ने अपनी पिछली कैबिनेट बैठक में उद्धव ठाकरे द्वारा लिए गए नाम बदलने के फैसले को अपना समर्थन नहीं दिया. इससे एक बार फिर महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है.

eknath shinde and uddhav thackeray

बता दें कि मुख्यमंत्री पद त्यागने से पहले उद्धव ठाकरे ने अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक में राज्य के औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर, उस्मानाबाद का धाराशिव और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम डीबी पाटिल रखने का फैसला लिया था. लेकिन फिलहाल ठाकरे के इस फैसले को शिंदे सरकार ने रोक दिया है.

AIMIM सांसद ने जताई थी आपत्ति…

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उद्धव ठाकरे के नाम बदलने के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर लिया था वहीं इस पर एआईएमआईएम नेता और सांसद इम्तियाज जलील ने आपत्ति जताते हुए विरोध प्रदर्शन की बात कही थी. AIMIM सांसद ने कहा था कि, ”औरंगाबाद शहर की पूरी दुनिया में एक ऐतिहासिक पहचान है. लेकिन उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे को दिखाने और बालासाहेब ठाकरे द्वारा किए गए वादे को पूरा करने के लिए ही निर्णय लिया था”.

राज्यपाल ने कहा था- लोकलुभावन निर्णय नहीं ले सकते हैं…

eknath shinde and uddhav thackeray

उद्धव ठाकरे को तब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का भी साथ नहीं मिला था. दरअसल, तब महाराष्ट्र में सियानी घमासान चरम पर था. उद्धव की कुर्सी खतरे में थी. इस स्थिति को भांपते हुए उद्धव के नाम बदलने के फैसले पर राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि, सरकार अल्पमत में है, ऐसे समय में आप लोकलुभावन निर्णय नहीं ले सकते हैं.

उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उद्धव ठाकरे को घेरा…

उद्धव ठाकरे के नाम बदलने के फैसले का विरोध महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी किया था. फडणवीस ने कहा था कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलना अवैध और जल्दबाजी में लिया गया फैसला है. नाम बदलने का प्रस्ताव बहुमत परीक्षण के सुझाव के बाद पारित किया गया था.

शिंदे सरकार करेगी तीनों का नाम बदलने का फैसला…

चाहे उद्धव ठाकरे के फैसले पर शिंदे सरकार ने रोक लगा दी हो लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे की सरकार नए सिरे से औरंगाबाद, उस्मानाबाद और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलने पर विचार विमर्श करेगी.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीते दिनों एकनाथ शिंदे के साथ करीब 40 शिवसेना विधायकों ने बगावत कर दी थी. ऐसे में महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा. बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली. बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे शिंदे सीएम बने और फडणवीस उपमुख्यमंत्री.

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