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मां का मंगलसूत्र बेचकर पिता जी के ऑटो का चालान भरने आया युवक, फिर RTO ने जो किया मिसाल बन गया

कहा जाता है कि इंसान भगवान और शैतान के बीच स्थित होता है, वो चाहे तो ऊंचा उठकर भगवान बन जाय और चाहे तो नीचे गिरकर शैतान बन जाय। इस घोर कलयुग में इंसान के शैतान बनने की मिसाल तो भरी पड़ी हैं। लेकिन आज आपको इंसान से भगवान की तरफ बढ़ने की मिसाल बताएंगे।

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के एआरटीओ आरसी भारती का ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया है, जिससे उनमें लोग भगवान का अक्श देख सकते हैं। उप संभागीय परिवहन अधिकारी आरसी भारती ने मां का मंगलसूत्र बेचकर चालान जमा करने आए युवक की सच्चाई जानने के बाद अपनी सैलरी से जुर्माना भर दिया। उस युवक की गाड़ी पर 24,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

महराजगंज जनपद के एआरटीओ कार्यालय में बुधवार को कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनने के बाद हर कोई द्रवित हो गया और एआरटीओ की प्रशंसा करने लगा। दरअसल, आर्थिक रूप से कमजोर युवक के ऑटो चालक पिता का 24,500 रुपये का चालान कट गया था। मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी युवक के पास रुपये कम पड़ रहे थे। यह बात एआरटीओ आरसी भारती को जब पता चली तो उन्होंने चालान की रकम स्वयं अपने सैलरी से भर दिया और पढ़ाई छोड़ चुके युवक को पढ़ाने की पेशकश भी की।

एआरटीओ कार्यालय में सिंहपुर. ताल्ही गांव के विजय पहुंचे तो उन्हें परेशान देख एआरटीओ ने पास बुलाकर परेशानी का कारण पूछने लगे। पूछने पर विजय ने बताया कि पिता राजकुमार ऑटो चलाते हैं। और उन्हें एक आंख से दिखता भी कम है। 24,500 रुपये ऑटो के चालान जमा करना है। मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी केवल 13 हजार रुपये ही इकट्ठा हो सके हैं। परिवार में छह बहनें हैं। पूरी कहानी सुनने के बाद एआरटीओ का दिल पिघल गया।

एआरटीओ ने चालान की पूरी रकम स्वयं जमा करने के साथ ही टेंपो का इंश्योरेंस भी कराया। हालांकि इस मामले में एआरटीओ आरसी भारती ने मीडिया से ज्यादा बातचीत नहीं की, केवल इतना कहा कि मैंने उसकी पीड़ा सुनी और वह मुझे वाजिब लगी। इस वजह से मैंने उसका जुर्माना खुद ही भर दिया है।

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