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स्वच्छता अभियान का नारा बुलन्द करने चलें अक्षय कुमार भी बन गए इनका शिकार

इन दिनों हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री और सेंसर बोर्ड के बीच खुली जंग चल रही है.. आजकल कोई भी फिल्म, सेंसर की कैंची से बच नही पा रही है। सेंसर के इस अङ़ियल रवैये से नाराज पूरी इंडस्ट्री एक स्वर में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का विरोध कर रही है.. लेकिन इसके बावजूद ना तो पहलाज निहलानी के रुख में बदलाव दिख रहा है और ना ही सेंसर की धार कम हो रही है और अब सेंसर का हालिया शिकार बनी है अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म “टॉयलेट एक प्रेमकथा”। Akshay kumar’s Toilet ek premkath got 3 verbal cutts

स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने वाली फिल्म की ही सफाई कर दी सेंसर ने

इस शुक्रवार रिलीज होने जा रही फिल्म “टॉयलेट एक प्रेमकथा” में स्वच्छता और शौचालय निर्माण का सामाजिक संदेश है। अक्षय कुमार अभिनय से लेकर इस फिल्म के निर्माण कार्य से जुङे हैं और अपनी इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं। फिल्म की अभिनेत्री भूमि पेंडेकर और सहायक कलाकार अनुपम खेर के साथ वो इसके प्रमोशन में जोर शोर से लगे हुए हैं… अक्षय, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान का नारा बुलन्द करते हुए भारत से लेकर लंदन तक इस फिल्म का डंका बजा चुके हैं। ऐसे में इस फिल्म पर चला सेंसर का वार हैरानी का सबब बन गया है।

फिल्म पर लगे हैं तीन कट्स

इस फिल्म की सफाई के लिए सेंसर बोर्ड ने निर्माताओं को तीन वर्बल कट्स लगाने के निर्देश दिए हैं। बीएफसी के एक सूत्र के अनुसार – एक सीन में अक्षय अपनी ऑन स्क्रीन पत्नी से कहते हैं- तुमने मुझे तीन बार जगाया है। मैं कोई सांड हूं क्या। वहीं दूसरे सीन में एक किरदार कहता है कि वो अपने कानों पर जनेऊ (जिसे ब्राह्मण धारण करते हैं) रखकर शौच के लिए जाता है। हमें इस तरह (जनेऊ) की पवित्र चीज को ऐसे पैमाने से जोड़ने का कोई कारण नजर नहीं आया। इन सींस के अलावा फिल्म से हरामी शब्द को हटाने के लिए कहा गया है।

फिल्म को मिलें कट्स सें ये साफ है कि आपका मकसद चाहें जितना भी नेक हो पर आप बात सही लहजें में नही कहेंगे, तो सेंसर आपकी जुबान जरूर काट लेगी।

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