अध्यात्म

भादों में भी सब होगा मंगल, बस रखें इन बातों का ख्याल

सावन गया तो, लोगों की दिनचर्या भी बदल गयी.. बीते एक महीने से धार्मिक कर्म काण्डों का चला आ रहा उपक्रम भी खत्म हो गया, लेकिन क्या आपकों पता है कि भादों माह का भी अपना विश़ेष महत्व है और अगर इस माह के नियमानुसार चलें तो ये भी बेहद फलदायक होता है। हिंदु पंचाग का छठा माह है..भाद्रपद यानि भादों, आकाश में उत्तरा भाद्रपद के योग बनने को कारण यह माह भाद्रपद कहलाता है। सनातन धर्मकर्म की दृष्टि से इसके लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जिनके पालन से सौभाग्य और समृद्धी की प्राप्ति होती है .. आइए जानते हैं क्या हैं ये नियम..Bhado month start from today/Bhadrpad month’s impotance.

नियम :-

1 सावन की भांति ही इस महीने में किए पूजा कर्म का विशेष फल मिलता है ,इसलिए नित क्रिया से निवृत होकर प्रतिदिन ईश स्तुति अवश्य करें

2 पुण्य प्राप्ति के लिए इस माह में केवल एक समय भोजन का विधान है..अगर हो सके तो इस नियम का पलन करें

3 भादों माह में लोकव्यवहार के कार्य निषेध हैं इसलिए इस महीने घर निर्माण, विवाह, सगाई जैसे आयोजन नही करने चाहिए।

4 भादों माह में कुछ खाद्य सामग्रीयों के सेवन से परहेज करना चाहिए जैसे कि चावल, गुङ, तेल आदी। इन निषेध के पीछे वैज्ञानिक और सांस्कृतिक तथ्य हैं ।

5 भादों माह में स्नान,दान और व्रत करने से जन्म जन्मान्तर के पाप नाश हो जाते हैं।

6 गौमुत्र से स्नान और घर में छिङकाव करनें से नाकारात्मकता का नाश होता है।

7 गाय का घी, दूध और मक्खन के सेवन से दीर्घायु और वंश वृद्धी का प्राप्ति होती है।

8 इसके साथ ही भाद्रपद महीने में सनातन धर्म के अनेक पर्व आते हैं जिनमें जन्माष्टमी और गणेश उत्सव मुख्य हैं । पूरे विधि विधान से इन त्योंहार के आयोजन से पुण्य की प्राप्ति होती है।

इस प्रकार यह मास कर्म और बुद्धी के संतुलन से फलदायी हो जाता है।

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