बॉलीवुड

फेल होने के बाद मनोज बाजपेयी ने की थी आत्महत्या की कोशिश, फिर ऐसे फर्श से अर्श पर पहुंचे

मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में गिने जाते हैं. मनोज बाजपेयी की अदाकारी को दर्शक काफी पसंद करते हैं. मनोज के लिए 23 अप्रैल का दिन बेहद ख़ास होता है. इस दिन मनोज अपना जन्मदिन मनाते हैं. इस साल मनोज 53 साल के हो चुके हैं.

manoj bajpayee

मनोज बाजपेयी का जन्म 23 अप्रैल 1969 को बिहार के बेलवा गांव में हुआ था. एक मध्यम वर्गीय परिवार में पले बढे मनोज ने हिंदी सिनेमा में काम करते हुए बुलंदियों के शिखर को छूआ है. वे बीते 28 सालों से फ़िल्मी दुनिया में काम कर रहे हैं. फिल्मों में साइड और सहायक रोल निभाकर मनोज ने काफी लोकप्रियता और सफलता हासिल की है.

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मनोज ने दर्शकों का मनोरंजन बड़े पर्दे पर ही नहीं किया है बल्कि वे दर्शकों के दिलों में वेब सीरीज और छोटे पर्दे के माध्यम से भी उतरे हैं. बताया जाता है कि मनोज जब महज नौ साल के थे तब ही वे फिल्मों में काम करने के सपने देखने लगे थे. हालांकि कभी उनके जीवन में एक ऐसा बुरा दौर भी आया था जब मनोज अपने ही हाथों अपनी जान लेना चाहते थे.

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फिल्मों में काम करना और करियर बनाना मनोज के लिए कतई आसान नहीं था. अभिनय की बारीकियां सीखने के लिए पहले मनोज ने एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) में दाखिला लेने की ठानी. हालांकि एनएसडी में दाखिला लेने के लिए पहले तीन चरणों की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था.

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एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) में दाखिला लेने के लिए मनोज ने खूब मेहनत की लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली और वे लगातार फेल होते रहे. उन्हें चार प्रयासों में उन्हें इंटरव्यू के बाद बाहर का रास्ता देखना पड़ा. इस बात से मनोज आहत हो गए थे और उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आने लगे थे. वे अपने बचपन के सपने को खुद से दूर होते देख रहे थे.

कर चुके थे आत्महत्या की कोशिश…

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न केवल मनोज बाजपेयी के मन में आत्महत्या करने के ख़याल आए थे बल्कि वे एक बार तो आत्महत्या का प्रयास भी कर चुके थे. हालांकि गनीमत रही कि वे बच गए थे. उन्हें घर परिवार के लोगों और करीबियों ने समझाइश दी और फिर अभिनेता ने बैरी ड्रामा स्कूल से बैरी जॉन के साथ थियेटर ज्वाइन कर लिया.

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थियेटर ज्वाइन करने के बाद मनोज ने फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था. लेकिन इससे पहले वे छोटे पर्दे पर नजर आए थे. मनोज को पहले धारावाहिक ‘स्वाभिमान’ में देखा गया था. यह धारावाहिक दूरदर्शन पर प्रसारित होता था. इसके बाद मनोज ने फ़िल्मी दुनिया का रुख किया.

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मनोज के फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1994 में हुई थी. इस दौरान उनकी पहली फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ आई थी. शेखर कपूर के निर्देशन में बनी यह फिल्म काफी पसंद की गई थी. हालांकि पहचान बनाने के लिए मनोज को शुरुआती कुछ सालों तक संघर्ष करना पड़ा.

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मनोज को हिंदी सिनेमा में पहली बड़ी और ख़ास पहचान फिल्म ‘सत्या’ से मिली थी. यह फिल्म साल 1998 में प्रदर्शित हुई थी. इस फिल्म का निर्देशन रामगोपाल वर,आ ने कीयुआ था. वहीं फिर फिल्म ‘शूल’ में भी उनके काम को सराहा गया.

इन दोनों फिल्मों के लिए मनोज को फिल्मफेयर के बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. वहीं साल 2003 में आई फिल्म ‘पिंजर’ के लिए मनोज को नेशनल फिल्म अवॉर्ड (स्पेशल ज्यूरी) से भी नवाजा गया.

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हिंदी सिनेमा में मनोज धीरे-धीरे अपने काम की छाप छोड़ते गए और अपना नाम बनाते गए. समय बढ़ने के साथ मनोज ने वेब सीरीज में भी कमा किया और वे वहां भी हिट रहे. मनोज गैंग्स ऑफ वासेपुर, द फैमिली मैन, अय्यारी, एलओसी कारगिल, सोनचिरैया, डायल 100, द फैमिली मैन आदि फिल्मों और सीरीज में अपनी बेहतरीन अदाकारी से सभी को हतप्रभ कर चुके हैं.

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