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पहली बार अकेले सफर कर रहे बेटे का फोन स्विचऑफ, पिता के होश उड़े, रेल मंत्री तक जानकारी फिर..

बचपन से किशोरावस्था में प्रवेश करते ही बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी सोचते हैं कि अब उनका बच्चा अपने दम पर अकेले जीवन का मुकाबला करना शुरू करे। अकेले यात्रा करे, अकेले किसी कार्य या टास्क की जिम्मेदारी उठाए। ऐसे ही एक 16 साल किशोर ने पहली बार किसी बड़े के साथ के बिना अकेले ट्रेन में सफर करने का मन बनाया।

माता-पिता ने भी बेटे का हौसला बढ़ाया और बेटे को अकेले ही ट्रेन पर बिठा कर घर चले आए। माता-पिता इस बात को लेकर निश्चिंत थे कि बेटे को कोई भी दिक्कत होगी तो फोन से उसे सलाह दे देंगे और लगातार फोन पर उसका हालचाल लेते रहेंगे। लेकिन मुसीबत तब आ गई जब कुछ घंटे की यात्रा के बाद ही बेटे का मोबाइल फोन किन्ही तकनीकी कारणों की वजह से स्विच ऑफ हो गया। अब तो माता-पिता के होश उड़ गए। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।

अकेले यात्रा पर निकला लड़का

एक 16 साल का लड़का अपने पैतृक घर जाने के लिए पहली बार अकेले रेल यात्रा करने का फैसला करता है। माता-पिता से पूछकर वह ट्रेन की यात्रा शुरू करता है। माता-पिता भी खुश हैं कि अब उनका लाडला इतना बड़ा हो गया है कि वह कहीं भी अकेले जा सकता है। ट्रेन अपनी मंजिल की तरफ निकल पड़ती है। 5 घंटे बीतने के बाद लड़के के पिता किशन राव अपने बेटे की यात्रा के बारे में पूछने के लिए फोन करते हैं। किशन राव घबरा जाते हैं, वह अपने बेटे शांतनु को बार-बार फोन करते हैं, मगर फोन कॉल नहीं लगता है।

physical relation in train

घबराए पिता ने दिखाई सूझबूझ

घबराए पिता किशन राव एक फैसला करते हैं। किशन राव फौरन रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को एक मदद के लिए ट्वीट करते हैं ताकि शांतनु के लोकेशन का पता चल सके। ट्वीट करने के ठीक 34 मिनट बाद किशन राव का मोबाइल फोन रिंग करता है। कॉल शांतनु का था। वो फोन उठाते हैं। शांतनु कहता है- पापा मैं ठीक हूं इस जवाब से किशन राव राहत की सांस लेते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 19 अप्रैल की है। किशन राव एक ऑटोमोबाइल कंपनी में महाप्रबंधक हैं। उन्होंने बताया कि शांतनु 10वीं कक्षा का छात्र है और अपनी परीक्षा देने के बाद वह अपने पैतृक घर (कोट्टायम, केरल) जाना चाहता था।

मंगलुरु से कोट्टायम के लिए निकला

किशन राव के मुताबिक उनका बेटा 19 अप्रैल को सुबह करीब 5 बजे मंगलुरु सेंट्रल स्टेशन पर परशुराम एक्सप्रेस में चढ़ा था। उधर दोपहर करीब 2.30 बजे एर्नाकुलम और कोट्टायम के बीच स्थित पिरावोम रोड रेलवे स्टेशन पर उसका चचेरा भाई शांतनु को रिसीव करने वाले थे। किशन राव और उनकी पत्नी संध्या ने शांतनु को एक मोबाइल फोन दिया ताकि किसी भी आपात स्थिति में वह उन्हें संपर्क कर सके, क्योंकि वह पहली बार अकेले यात्रा कर रहा था। किशन राव ने बताया कि अकेले यात्रा को लेकर शांतनु बेहद उत्साहित था। वह रात भर ठीक से सोया भी नहीं था।

अचानक फोन फोन स्विच ऑफ हो गया

शांतनु के पिता ने आगे बताया, ‘सुबह 10 बजे के आसपास मैंने उसे कॉल करने का फैसला किया। मैं यह जानकर हैरान रह गया कि उसका फोन स्विच ऑफ था। मैं कुछ देर और शांतनु को कॉल करता रहा, मगर फोन ऑफ ही था। मैं टीटीई का नंबर भी नहीं ले पाया था। फिर अंत में सुबह 10.34 बजे मैंने रेल मंत्री को ट्वीट किया।’

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