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200 किमी दौड़ लगाते हुए सीएम से मिलने पहुंची 10 साल की काजल, पता चलते ही आवास से बहार आए योगी

200 किलोमीटर दौड़ते हुए यूपी के सीएम योगी से मिलने पहुंची प्रयागराज की 10 साल की काजल निषाद का मुख्यमंत्री ने सम्मान किया है। प्रयागराज से लखनऊ तक दौड़कर सफर करने की मुख्यमंत्री ने तारीफ की औऱ काजल का प्रतिभाशाली एथलीट बाताया। बड़ी एथलीट बनने का सपना रखने वाली काजल को मुख्यमंत्री द्वारा दौड़ने के लिए खेल किट और जूते भी उपहार में दिए गए। बता दें कि जनपद प्रयागराज के माण्डा थाना क्षेत्र के ललितपर गांव निवासी नीरज कुमार निषाद की 10 वर्षीय पुत्री काजल निषाद कक्षा 4 की छात्रा है।

काजल ने प्रयागराज में एक स्थानीय खेल स्पर्धा में भाग लिया था और दौड़ को पूरा किया था। परन्तु कार्यक्रम में उचित सम्मान ना मिल पाने के कारण काजल काफी निराश हो गई थी। इसी बात को लेकर काजल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी जिसके लिए काजल 10 अप्रैल को प्रयागराज से लखनऊ के लिए पैदल दौड़ते हुए ही निकल पड़ी। प्रयागराज से लखनऊ तक का करीब 200 किलोमीटर लंबा सफर काजल ने 15 अप्रैल को पूरा किया और सीधे मुख्यमंत्री से मिलने उनके निवास 5 कालीदास मार्ग पर पहुंची।

मुख्यमंत्री को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत ही काजल को मिलने के लिए कहा। काजल की इस लगन और समर्पण को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उसे अपने हाथों से सम्मानित किया और साथ ही साथ उसे आगे भी इसी तरह दौड़ में एक नया मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित करते हुए जूते, ट्रैक सूट और खेल किट भी उपहार में दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा सम्मान मिला तो काजल की खुशी का कोई ठिकाना ना रहा। इस उपहार के लिए उसने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। इसके साथ ही बाबू बनारसी दास खेल अकादमी ने काजल की प्रतिभा का सम्मान करते हुए उसकी आगे की तैयारी के लिए उम्र भर खेल किट और जूते देने की पूरी जिम्मेदारी ली है।

क्यों लगाई ये दौड़

आपको बता दें कि प्रयागराज में आयोजित होने वाली इंदिरा मैराथन में हिस्सा लेकर नौ वर्षीय काजल ने 42 किमी के इस मैराथन को 4.22 मिनट में पूरा किया था, जबकि कई बड़े-बड़े धावक भी दौड़ पूरी नहीं कर सके थे। जिला प्रशासन की ओर से उसका रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। उसे कोई किट, प्राइज या नकद पुरस्कार भी नहीं दिया गया था। अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई न होने से परेशान होकर काजल निषाद ने मुख्यमंत्री से शिकायत का फैसला किया था। इसके लिए उसने प्रयागराज से दौड़ते हुए लखनऊ जाने का निर्णय लिया। नन्हीं धाविका ने अपनी इस यात्रा को प्रयागराज टू लखनऊ अल्ट्रा मैराथन का नाम दिया।

तीन दिन पहले प्रयागराज से दौड़ते हुए निकली थी 

तीन दिन पहले उसने सुभाष चौराहे से दौड़ शुरू की थी। शुक्रवार को वह लखनऊ पहुंच गई। हालांकि दौड़ शुरू होने के दूसरे दिन ही जिला प्रशासन ने उसकी मांगों को पूरा कर दिया था और इंदिर मैराथन में हिस्सा लेने के लिए मिलने वाला प्राइज, किट और 5100 रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा कर दी थी। लेकिन जिला प्रशासन की घोषणा के बाद भी काजल निषाद ने दौड़ जारी रखा और वह लखनऊ पहुंच गई।

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