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अजीबो-गरीब: भारत के इस गांव में करोड़पति भी रहते हैं मिट्टी के घरों में, 700 वर्षों से है खौफ

हमारा देश भारत विविधताओं से भरा हुआ है। यहां कई प्राचीन परंपराएं आज भी जारी हैं। कुछ परंपराओं और रिवाजों को तो अंधविश्वास मानकर खत्म कर दिया गया। फिर भी कुछ लोग हैं जो आज भी सैकड़ों सालों पुरानी परंपराओं को निभा रहे हैं। भारत में एक अनोखा गांव है जहां लोग आज भी पुरानी परंपरा को निभा रहे हैं।

आज हम आपको देश के अजीबो-गरीब गांव के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां चलने वाली परंपरा के बारे में आप यकीन ही नहीं करेंगे। यहां चाहे कोई गरीब हो या करोड़पति, पक्का मकान नहीं बनाता है। सभी मिट्टी के घरों में रहते हैं। खाना भी मिट्टी के चूल्हे पर ही बनता है। आइए जानें ये कौन सा गांव है और यहां के नियम क्या हैं।

राजस्थान में स्थित है ये अनोखा गांव

भारत के जिस अनोखे गांव के बारे में हम जिक्र कर रहे हैं, वो राजस्थान में मौजूद है। यहां अजमेर में देवमाली गांव है। इस गांव की कहानी थोड़ी अजीब है जो आपको अनोखी भी लगेगी। इस गांव के लोग 700 साल पुरानी परंपरा निभा रहे हैं। इस गांव में रहने वाला करोड़पति व्यक्ति भी पक्का घर नहीं बनाता बल्कि मिट्टी के घर में रहता है।

यहां लोग पक्का मकान बनाने से ही डरते हैं। इतना ही नहीं घर बनाने के लिए यहां कंक्रीट या लोहा तक इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लोग इस गांव में वर्षों पुरानी शैली के हिसाब से जीवन जी रहे हैं। इस गांव में चाहे कोई कितना ही पैसे वाला क्यों न हो, न तो एसी खरीदता है, न ही कूलर लाता है। चंद लोगों को छोड़कर इस गांव में बिजली कनेक्शन तक नहीं है।

इस वजह से नहीं बनाते पक्के मकान

देवमाली गांव में पक्के मकान न बनाने की बड़ी दिलचस्प कहानी है। ग्रामीण यहां 700 साल से खौफ के साये में हैं। इनका मानना है कि अगर किसी ने इस गांव में पक्का घर बना लिया तो उसका विनाश निश्चित है। देवता उसे कड़ी सजा देते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि 700 साल पहले इनके पूर्वजों को भगवान देव नारायण ने खुद दर्शन दिए थे।

उन्होंने इन लोगों को आदेश दिया था कि वे गांव में पक्का घर नहीं बना सकते हैं। भगवान ने कहा था कि जबतक गांव में उनका पक्का मंदिर नहीं बन जाता, कोई ग्रामीण अपना मकान पक्का नहीं करेगा। इसके बाद गांववालों ने भगवान का तो पक्का मंदिर बना दिया। इसके बाद खुद सदा के लिए कच्चे घरों में रहने की कसम खा ली।

गांव में नहीं लगाता है कोई ताला

इस गांव के लोग अपने घरों में ताला तक नहीं लगाते हैं। पुलिस का रिकॉर्ड देखें तो कई वर्षों में यहां किसी घर में चोरी नहीं हुई है। देवमाली गांव में लोग गैस के चूल्हे का भी इस्तेमाल बहुत कम करते हैं। यहां के ज्यादातर घरों में मिट्टी के चूल्हे मिलते हैं। इन पर ही भोजन पकाया जाता है।


यहां के लोग भगवान नारायण को मानते हैं और उन पर पूरी श्रद्धा रखते हैं। इसी वजह से ये लोग पूरी तरह शाकाहारी हैं। किसी भी घर में मांस या मछली का सेवन नहीं होता है। न ही कोई ग्रामीण यहां शराब पीता हुआ नजर आता है। ये लोग पुरानी मान्यताओं पर ही जीवन जी रहे हैं।

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