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लखनऊ में मिलीं जयपुर की लापता 2 सगी बहनें: 56 दिन बाद जब मिली तो ऐसी थी हालत

जयपुर की लापता बहनों रमा और भावना को पुलिस ने लखनऊ से बरामद कर लिया है। इन दोनों बहनों के लापता होने के बाद राजस्थान में हड़कंप मचा हुआ था। वकीलों के प्रदर्शन के बाद डीजीपी ने एसआईटी की गठन किया था, जिसके बाद राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मिलकर 55 दिनों से लापता सगी बहनों को लखनऊ में खोज लिया। लापता होने और खोजने का ये मामला बेहद रोचक और सस्पेंस से भरा हुआ है। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।

लापता होने की इनसाइड स्टोरी

प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि दोनों नाबालिग बहनें सक्सेसफुल बिजनेसपर्सन बनने के लिए घर से 3 फरवरी को निकली थीं और जयपुर से ट्रेन पकड़कर लखनऊ पहुंच गई। इससे पहले बच्चियों ने मनीटेमर डॉट कॉम और यूट्यूब लिंक पर देखा कि अनजान शहर में बिना पैसे और मोबाइल फोन के कैसे जिंदगी काटनी है।

अनजान शहर में रहने की इंटरनेट पर ली जानकारी

दोनों ने इंटरनेट पर देखा कि अनजान शहर में कहां रह सकते है, कहां खाना मिलेगा, जरूरत पड़ने पर किन लोगों से कैसे मदद मांगे। कैसे जॉब करके पैसे कमाएं और जिंदगी बिताएं। इन्हीं तौर तरीकों के बारे में दोनों बहनें पिछले करीब 6 महीने से ऑनलाइन आर्टिकल पढ़ रही थी। वे 23 नवंबर में एक बार मुंबई जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंच गई, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर वापस घर लौट आईं। इस तरह की बातें उनकी नोटबुक में भी लिखी है। जिसे पढ़कर जांच में जुटी पुलिस भी हैरान रह गई।

दोनों बहने आंत्रेप्रेन्योर बनना चाहती थीं

दोनों बहनों ने सफल आंत्रेप्रेन्योर बनने के लिए जयपुर और परिवार को छोड़ने का इरादा कर लिया था. उन्होंने तीन शहर चुनें। इनमें लखनऊ, मुंबई और चेन्नई शामिल थे। तीनों शहर की पर्ची बनाई और जब कागज की पर्ची खोली तो उसमें लखनऊ सामने आया। ऐसे में 3 फरवरी को वे दोनों रेल का टिकट लिए बिना ही ट्रेन में बैठी और लखनऊ पहुंच गईं। घर छोड़ने के बाद परिवार से दूर रहने पर अपनी भावनाओं पर कैसे काबू रखा जाएं। इसके लिए ऑनलाइन काफी स्टडी की। फिर अनजान शहर में पहचान बदलने के लिए आधार कार्ड नंबर कैसे बदलें, इसकी जानकारी भी जुटाई।

लखनऊ में ऐसे शुरू की जिंदगी

लखनऊ शहर में जिंदगी बिताने के लिए दोनों बहनों ने शुरुआती चार दिन एक पीजी में बिताए। इसके बाद जानकीपुरम इलाके में गुडंबा थाना इलाके में एक कंपनी में नौकरी हासिल कर ली। वे इस कंपनी में मच्छर भगाने के लिए एक प्रोडक्ट को बेचने के लिए डोर टू डोर सेल्स मार्केटिंग करने लगी। इसके लिए कंपनी ने ही दोनों बहनों को खाना और रहने की जगह दे दी।

स्कूल से भागकर पहुंची थीं लखनऊ

आपको बता दें कि जयपुर के महेश नगर इलाके में एडवोकेट अवधेश कुमार पुरोहित रोजाना की तरह 3 फरवरी को अपनी दोनों बेटियों रमा और भावना को स्कूल छोड़कर आए थे। 16 साल की रमा 11 वीं और 17 साल की भावना स्कूल में 12 वीं क्लास की छात्रा थी। छुट्‌टी होने पर मां बेटियों को लेने स्कूल पहुंची तब पता चला कि वे लापता हैं। दोनों बच्चियों की सहेलियों, स्कूल स्टॉफ और रिश्तेदारों से जानकारी जुटाई तब भी दोनों बहनों का सुराग नहीं लगा।

ऐसे में बच्चियों के पिता अवधेश पुरोहित महेश नगर पुलिस थाने पहुंचे और अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया गया। इसके बाद तलाश शुरू हुई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी देखे जिसमें रमा और भावना उत्तरप्रदेश जाने वाली एक ट्रेन में बैठते हुए नजर आई।

लखनऊ के चारबाग स्टेशन के सीसीटीवी में नजर आईं

पुलिस और परिजन यूपी पहुंचे। तब लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर 4 फरवरी को दोनों बहनें नजर आईं। पड़ताल में सामने आया कि रमा और भावना वहीं वेटिंग रुम में ठहरी। चारबाग में ही उन्होंने एक ऑटोचालक से बहाना बनाकर मोबाइल फोन लिया। इसके बाद अपनी स्कूल की पूर्व टीचर को फोन कर दादी के बीमार होने की बात कहकर 30 हजार रुपए मांगे।

इन नंबरों के आधार पर पुलिस ने ऑटोचालक को पकड़ा। उसने बताया कि बच्चियों ने मोबाइल फोन खोने की बात कहकर मोबाइल मांगा था। बातचीत के बाद यह कहकर चली गई कि हमारे पीछे बदमाश लगे हुए है इसलिए तुम हमारे पीछे मत आना। पुलिस को एक पीजी की फुटेज भी मिली लेकिन वहां से भी दोनों बच्चियां निकल चुकी थी। ऐसे में जयपुर पुलिस खाली हाथ कुछ दिनों की पड़ताल कर जयपुर लौट आईं।


जयपुर में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन

करीब 45 दिनों तक रमा और भावना को पुलिस तलाश नहीं कर सकी। तब उनके पिता एडवोकेट अवधेश कुमार ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की। 21 मार्च को वकील बच्चियों को बरामद करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे और जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। तब डीजीपी एमएल लाठर ने अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा और डीसीपी साउथ मृदुल कच्छावा, एडिशनल डीसीपी क्राइम एंड विजीलेंस करण शर्मा की अगुवाई में 16 सदस्यीय पुलिसकर्मियों की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की।

पुलिस ने तलाश शुरू की। 29 मार्च को पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज नजर आया जिसमें भावना एक दुकान में सामान बेचते नजर आई। सेल्स मार्केटिंग से जुड़ी कंपनियों की लिस्ट बनाकर पूछताछ की गई तब मच्छर भगाने के प्रोडक्ट बेचने वाली एक कंपनी तक पुलिस पहुंची। वहां से दोनों बहनों के प्रोडक्ट बेचने के लिए बाजार में निकलने की जानकारी मिली। तब पुलिस ने दोनों बच्चियों को 30 मार्च को बरामद कर लिया और देर रात जयपुर लेकर पहुंच गई।

पुलिस ने 56 दिनों बाद लखनऊ से दोनों को बरामद कर लिया। बुधवार आधी रात को पुलिस टीम इन दोनों बहनों को जयपुर लेकर पहुंची। वहां उनको घर के बजाए मानसरोवर में महिला थाने लेकर जाया गया। इसके बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश किया गया जहां से परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। दोनों बहनों के सकुशल मिलने के साथ ही दो राज्यों यानी राजस्थान और यूपी पुलिस का सर्च ऑपरेशन भी पूरा हो गया।

आज के इंटरनेट युग में माता-पिता और अभिभावकों को लेकर ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है, इसके लिए उनसे हर विषय पर हमेशा खुलकर बात करना बेहद जरूरी है। ताकि बच्चे के मन में क्या चल रहा इसका पता माता-पिता को हो जाय और बच्चों को कोई भी गलत कदम उठाने से पहले ही रोका जा सके।

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