जब काम के लिए दर-दर भटके ‘रामायण’ के राम, कहा- जिस वजह से फेमस हुआ उसी से करियर थम गया
करीब साढ़े तीन दशक पहले आए ऐतिहासिक धारावाहिक ‘रामायण’ (Ramayana) को आज भी ख़ूब पसंद किया जाता है. इस धार्मिक धारावाहिक का निर्देशन किया था दिवंगत और दिग्गज़ निर्देशक रामानंद सागर (Ramanand Sagar) ने. साल 1997 और 1998 में ‘रामायण’ प्रसारित होता था.
‘रामायण’ की आज भी हर कोई तारीफ़ करता है. हर उम्र वर्ग के लोग इसे काफी चाव के साथ देखते थे. जब भी टीवी पर यह धारावाहिक आता था लोग टीवी सेट से सटकर बैठ जाया करते थे. इसमें काम करने वाले हर एक किरदार को काफी बड़ी और ख़ास लोकप्रियता हासिल हुई थी.
‘रामायण’ में माता सीता का किरदार दीपिका चिखलिया, रावण का किरदार अरविंद त्रिवेदी, लक्ष्मण जी का रोल सुनील लहरी, हनुमान जी का रोल दिवंगत दारा सिंह ने निभाया था. वहीं भगवान राम की भूमिका में जाने-माने अभिनेता अरुण गोविल नजर आए थे. अरुण गोविल के साथ ही रामायण के सभी मुख्य कलाकारों के काम को दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया था.
बता दें कि अरुण गोविल ने ‘रामायण’ के पहले और बाद में कई फिल्मों में काम भी किया हालांकि जो लोकप्रियता और सफलता उन्हें ‘रामायण’ ने दिलाई वे उसे दोबारा कभी दोबारा हासिल नहीं कर सके. लेकिन भगवान राम का रोल निभाने के बाद उन्हें काम मिलने में ख़ूब दिक्क्त होती थी. एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि, ”जहां उन्हें ‘राम’ का किरदार निभाकर घर-घर में पहचान मिली, लेकिन दूसरी तरफ उनको फिल्मों में काम मिलना ही बंद हो गया था”.
उन्होंने आगे बताया था कि, ”मैंने अपने करियर की शुरूआत हिंदी फिल्मों से की थी. फिर मुझे रामानंद सागर जी की तरफ से ‘रामायण’ में काम करने का मौका मिला. मुझे राम के किरादर के लिए चुना गया था, लेकिन राम का किरदार निभाने के बाद, मैंने फिर से बॉलीवुड का रुख किया तो फिल्म निर्माता और निर्देशक मुझसे कहते थे कि मेरी छवि अब राम की हो चुकी है, जो बहुत मजबूत बन चुकी है. हम आपको किसी और रोल के लिए कास्ट नहीं कर सकते और न ही आपको सपोर्टिंग रोल दे सकते हैं. वो मेरे करियर का ये सबसे बड़ा माइनस पॉइंट था”.
अरुण ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे बताया कि, ”उनकी ये बातें सुनने के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मैं अब कभी भी बॉलीवुड का हिस्सा नहीं बन पाउंगा, जो मैं हमेशा से चाहता था. उस वक्त मैंने कई टीवी शोज में काम किया और अगर मुझसे कुछ गलती हो जाती तो लोग टोकते हुए कहते थे कि अरे, रामजी आप ये क्या कर रहे हैं. उस वक्त मैं काफी निराश था. मुझे ऐसा लगने लगा था कि ‘जहां मुझे एक शो ने दर्शकों का बहुत प्यार दिलवाया तो वहीं, दूसरी तरफ इसी की वजह से मेरा करियर ही थम गया था”.
भाजपा के सदस्य है अरुण गोविल…
अरुण गोविल भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करते हैं. उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है. उन्होंने बीते साल मार्च में बीजेपी का दामन थामा था.
अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को उत्तर प्रदेश में मेरठ में हुआ था. 64 साल के हो चुके अरुण की पत्नी का नाम श्रीलेखा गोविल है. श्रीलेखा गोविल और अरुण दो बच्चों के माता-पिता हैं. उनका एक बेटा और एक बेटी हैं. कपल के बेटे की शादी हो चुकी है जबकि बेटी मुंबई में नौकरी कर रही हैं. अरुण गोविल का एक पोता भी है.