अध्यात्म

इन 5 राशियों के लिए स्पेशल रहेगी चैत्र नवरात्रि, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगी आजादी

माता रानी के भक्तों के लिए नवरात्रि के 9 दिन बड़े स्पेशल होते हैं। इन 9 दिनों तक वे मां की पूजा अर्चना में लगे रहते हैं। हर कोई माता रानी को प्रसन्न करने का प्रयास करता है। कहते हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश कर दिया तो जीवन के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं। इस साल 2 अप्रैल, 2022 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। ये 11 अप्रैल, 2022 तक चलने वाली है। ये नवरात्रि कुछ राशि के जातकों के लिए स्पेशल होने वाली है।

ये राशियां झेल रही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या

कहते हैं चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से शनि से पीड़ित जातकों को लाभ होता है। इसलिए शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से पीड़ित लोगों को नवरात्रि में माता रानी की दिल से पूजा करनी चाहिए। वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशियों के जातक शनि की साढ़ेसाती झेल रहे हैं।

ये लोग इस समय आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। पैसों को लेकर इनकी मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न कर से आर्थिक कमजोरी को दूर कर सकते हैं।

दूसरी तरफ मिथुन और तुला राशि के जातक शनि की ढैय्या का सामना कर रहे हैं। इसके चलते उन्हें बार बार बीमार होना, मानसिक तनाव में रहना, तरक्की न होना इत्यादि समस्याओं को झेलना पड़ रहा है। इस स्थिति में इस राशि के जातकों को नवरात्रि में माता रानी को मानना चाहिए। उनके आशीर्वाद और पूजा अर्चना से आप शनि की ढैय्या के कुप्रभाव से आजादी प्राप्त कर सकते हैं।

इन राशियों की नवरात्रि बन सकती है खास

वृषभ, मिथुन, कन्या, मकर, तुला, कुंभ और मीन लग्न के जातकों के लिए नवरात्रि बेहद खास और दुखों से मुक्त बन सकती है। इसके लिए आपको बस पूरी नवरात्रि माता रानी की दिल से उपासना करनी होगी। यदि आपकी कोई विशेष मनोकामना है तो वह भी दुर्गा मां के आशीर्वाद से पूर्ण हो जाएगी।

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ सबसे अधिक लाभकारी रहता है। इससे चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है। इसके लिए दुर्गा सप्तशती में बताए गए कुछ मंत्रों का जाप करना होता है। लेकिन ऐसा करने के लिए आपके मन का शुद्ध होना अतिआवश्यक है।

वहीं यदि आप 9 दिनों तक व्रत रखने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो 1, 3, 5 या 7 की संख्या में भी व्रत रख सकते हैं। इससे भी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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