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भारत और चीन का सीमा विवाद कई दशकों से बना हुआ है। इसी वजह से दोनों देशों के बीच साल 1962 में टकराव भी हो चुका है। हालांकि इसके बाद से दोनों देश टकराये तो नहीं लेकिन तनाव अब भी वैसा ही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र नानवाधिकार परिषद में कश्मीर को लेकर एक ऐसी मांग होने लगी, जिसको सुनते ही चीन बौखला उठा।
कश्मीर की बात हो तो हमेशा ही पाकिस्तान का ख्याल मन में आता है। पाक ने ही भारत के कश्मीर के कुछ हिस्सों पर कब्जा किया हुआ है। वहीं अब चीन की करतूत भी सामने आने लगी है। कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र में ऐसी कौन सी मांग उठ गई जिससे चीन नाराज हो गया और विरोध करने लगा।
यह है वो मांग जिससे नाराज हो गया चीन
संयुक्त राष्ट्र के 49वें सत्र के दौरान कश्मीर को लेकर मांग उठी। इस मांग को उठाने वाले शख्स कश्मीर के प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता जुनैद कुरैशी हैं। जुनैद ने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि चीन ने अक्साई चिन के बड़े भूभाग पर कब्जा किया हुआ है। ऐसे में इस भाग को चीन अधिकृत कश्मीर कहा जाना चाहिए और मान्यता दी जानी चाहिए।
22-03-2022, Geneva: My (virtual) Intervention on General Debate Item 4 (Human rights situations that require the Council’s attention) during the 49th Session of the UNHRC in Geneva. pic.twitter.com/rUh1jF5Fxv
— Junaid Qureshi (@JQ_plaintalk) March 23, 2022
जुनैद ने कहा कि वो जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र का ध्यान खींचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि परिषद में कई वर्षों से इस मुद्दे पर बहस होती आई है। जुनैद बोले कि जम्मू कश्मीर के 20 फीसदी हिस्से से ज्यादा में अक्साई चिन फैला हुआ है। इस भाग पर चीन ने अवैध कब्जा किया हुआ है और इसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
भड़क उठा चीन, किया विरोध
जुनैद ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर अवैध कब्जा गंभीर मुद्दा है। ऐसे में उन्होंने चीन के हिस्से वाले भाग को चीन अधिकृत कश्मीर कहने को मान्यता देने की मांग की। वहीं दूसरी ओर जुनैद की इस मांग को सुनते ही चीन भड़क उठा। पड़ोसी देश ने फौरन ही संयुक्त राष्ट्र में इस मांग का विरोध करना शुरू कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र में अपना विरोध जताते हुए चीन ने इसे अपने देश की संप्रभुता के खिलाफ बताया। चीन ने कहा कि जुनैद कुरैशी ने जो मांग की है वो चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है। इसके साथ ही चीन ने इस मांग को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन भी करार दे दिया। साथ ही जुनैद की मांग पर ध्यान न देने की अपील की।
ओआईसी बैठक में कश्मीर मुद्दे पर बोला था चीन
जहां एक ओर चीन संयुक्त राष्ट्र में अपने देश की संप्रभुता का समर्थन कर रहा है। वहीं दूसरी ओर इस्लामाबाद में ओआईसी की बैठक में उसने कश्मीर मुद्दे पर कूदने से परहेज नहीं किया। बैठक में चीन ने इस्लामिक देशों के बीच कहा था कि वो कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर उनके साथ है और उनके कदम का समर्थन करता है।
हालांकि चीन के इस बयान का भारत ने भी जमकर विरोध किया। भारत सरकार ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि वो भारत के आंतरिक मुद्दों पर बयानबाजी न करे। भारत ने भी इस बयान को देश की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ बताया था।