यूपी चुनाव की इस ‘बड़ी गलती’ को समझ गई भाजपा, लोकसभा चुनाव से पहले बना ख़ास ‘एक्शन प्लान’
उत्तर प्रदेश के चुनाव का परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में रहा। भले ही पार्टी को साल 2017 से कम सीटें मिली हों लेकिन फिर भी बीजेपी बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हो ही गई। योगी आदित्यनाथ फिर से सीएम बनने वाले हैं और उनकी टीम कैसी होगी, इसको लेकर दिल्ली में मंथन भी शुरू हो गया है।
वैसे तो बीजेपी ने चुनाव जीत लिया लेकिन इस दौरान उससे एक बड़ी गलती हो गई। इस बड़ी गलती का पार्टी को फिलहाल तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इस गलती को बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में दोहराना नहीं चाहती है। इसी वजह से पार्टी ने एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया है। ये प्लान सियासी जगत में खलबली मचाने वाला है।
यूपी जीते पर हुईं गलतियां
भारतीय जनता पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर चुनाव लड़ा था। पीएम मोदी से लेकर बड़े नेता भी चुनाव प्रचार कर रहे थे। ऐसे में बीजेपी की जीत को हो गई और वो जनता का भरोसा जीतने में फिर से कामयाब रही। इसके बाद भी बीजेपी से कई गलतियां हुईं जो पार्टी पर भारी पड़ सकती थी।
इनमें सबसे बड़ी गलती की बात की जाये तो वो बागी नेताओं का समय रहते ही इलाज न कर पाना है। बागी नेता बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गए थे। चाहे स्वामी प्रसाद मौर्या हों या दारा सिंह चौहान या फिर धर्म सिंह सैनी, सभी ने बीजेपी के लिए मुसीबत कर दी थी। इसी वजह से भाजपा के खिलाफ माहौल बन गया था और सपा इससे खुश हो गई थी।
इस बार ये है एक्शन प्लान
यूपी चुनाव में हुई इस बड़ी गलती को बीजेपी अब लोकसभा चुनाव में यूपी में दोहराने वाली नहीं है। इसी वजह से एक्शन प्लान तैयार हो गया है। ऐसे सांसद जो पार्टी में रहकर पार्टी लाइन से विपरीत बात करते हैं, ऐसे सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना है। इसके लिए तैयारी भी हो चुकी है।
यूपी चुनाव में सांसद वरुण गांधी भी पार्टी के विपरीत ही बोलते दिखाई दिए थे। इस वजह से पार्टी काफी असहज स्थिति में हो जाती है। प्रदेश चुनाव के दौरान कई बार ऐसी स्थिति से पार्टी नेतृत्व को दो-चार भी होना पड़ा था। इसी वजह से पार्टी ने अब एक्शन प्लान तैयार कर लिया है जो बड़ी खलबली मचाएगा।
पार्टी ने माना, बागियों को निकालने में देर हुई
पार्टी ने ये भी मान लिया है कि जो बागी नेता उनका सिरदर्द बने थे, उनको निकालने में देरी हुई। उनके खिलाफ पहले ही एक्शन ले लिया जाता और उनको दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता तो बीजेपी की छवि खराब नहीं होती। स्वामी प्रसाद मौर्या से लेकर धर्म सिंह सैनी को पार्टी नेतृत्व ढील देता गया।
अन्त में ये नेता भाजपा छोड़कर सपा या दूसरे दलों में चले गए। इससे जनता के सामने बीजेपी की छवि कुछ कमजोर जरूर पड़ी लेकिन इसके बाद भी कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। अब पार्टी लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी हो चुकी है।