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Loan वसूली का नया तरीका: कम्प्यूटर से बनाई ग्राहकों की गंदी फोटोज और भेज दिया रिश्तेदारों को

रुपयों की जरूरत पड़ने पर अक्सर हम लोन लेते हैं। वैसे तो पूरी कोशिश होनी चाहिए कि लोन को समय पर चुका दिया जाए लेकिन कई बार हम इसे चुका नहीं पाते। इसके बाद कई कानूनी प्रक्रियाएं होती हैं जिनके जरिए लोन अदायगी का काम आसान हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कई कंपनियां तो ऐसी हैं जो जानबूझकर लोगों को लोन के जाल में फंसाती हैं।

गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐसे ही कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जिसका काम ही ग्राहकों को फंसाना था। ये लोग पहले लोन के नाम पर ग्राहकों को फंसाते थे। इसके बाद लोन रिकवरी के नाम पर उनको, उनके रिश्तेदारों को फोन करते थे। इतना ही नहीं ये लोग ग्राहक की फोटो को कम्प्यूटर पर एडिट कर रिश्तेदारों को भेज देते थे।

38 आरोपियों को किया गिरफ्तार

गुरुग्राम पुलिस को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग यहां कॉल सेंटर चला रहे हैं। ये लोग उद्योग विहार इलाके में फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोन लेने वालों को परेशान करते थे। इसके बाद पुलिस ने छापा मारा तो वहां से 38 लोगों को गिरफ्तार किया। हैरानी की बात है कि इनमें से 9 महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस को बड़ी संख्या में लैपटॉप और फोन भी मिले हैं।

पुलिस ने बताया कि ये लोग लोन रिकवरी एजेंट के तौर पर काम करते थे। आरोपियों ने पूरा गिरोह बना लिया था। ये लोग चाइनीज लोन एप और दूसरी एप्स के जरिए लिए गए लोन की रिकवरी का काम करते थे। इसके लिए इन लोगों पूरा सेटअप बनाया हुआ था। यहां पर ग्राहकों को ही नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों तक को लोन चुकाने की धमकी दी जाती थी।

फोटो को एडिट करके होती थी ब्लैकमेलिंग

पुलिस ने बताया कि आरोपी सिर्फ फोन ही नहीं करते थे। वे लोन लेने वाले की फोटो को कम्प्यूटर से एडिट करके उसको अश्लील बनाते थे। किसी न्यूड फोटो के साथ सिर को मिलाकर उसे लोन लेने वाले ग्राहक और उसके सगे संबंधियों को भी भेजा करते थे। इसके एवज में उनसे रकम वसूलने का काम करते थे।

इससे भी बड़ी हैरानी की बात है कि आरोपी ऐसे लोगों को भी निशाना बना रहे थे, जो अपना लोन चुका चुके थे। एप में लोड ग्राहकों की निजी जानकारियां जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड और फोटो को हासिल कर उसका गलत प्रयोग कर रहे थे। पुलिस को छापे में एक लाख 70 हजार रुपये नकद, 27 लैपटाॅप, 44 मोबाइल मिले हैं।

इन एप्स के जरिए देते थे लोन

जिन एप्स के जरिए लोन और रिकवरी का धंधा चल रहा था, उनके नाम भी पुलिस ने बताए हैं। ये एप TX, PF, KARTA LOAN, SPEED LOAN, SUPER WALLET हैं। इनके जरिए ही ग्राहकों को फंसाने का काम हो रहा था। पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर को दिल्ली के दो युवक अभिनव और शान्तनु चलाते थे। वहीं मनीष नाम का लड़का उनको डिटेल देता था। इन लोगों ने ही 38 लोगों का स्टाफ रखा हुआ था। फोन पर धमकी देने के लिए लड़कियों को भी नौकरी दे रखी थी। हालांकि पुलिस ने भंडाफोड़ कर इनकी काली करतूतों का पर्दाफाश कर दिया।

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