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पहली बार मरते इंसान की हुई लाइव ब्रेन स्कैनिंग, जानें मौत से 30 सेकंड पहले क्या होता है दिमाग में

मौत से चंद सेकंड पहले व्यक्ति को कैसा अनुभव होता है। जिंदगी और मौत के बीच के आखिरी पल कैसे होते हैं। हॉलीवुड में भी इस गुत्थी को लेकर कई फिल्में बन चुकी हैं। इस बारे में वैज्ञानिकों के बीच सालों से खोज चल रही है।

हाल में अमेरिका के लुईसवील यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया है कि मौत से 30 सेकंड पहले दिमाग में तेज रोशनी कौंधती है। वैज्ञानिकों ने इसे ‘लास्ट रीकॉल’ यानी जिंदगी की ‘आखिरी याद’ का नाम दिया है।

87 साल के व्यक्ति पर हुई स्टडी

हाल ही में डॉक्टरों ने एक 87 साल के व्यक्ति के ब्रेन की स्कैनिंग की। इस व्यक्ति की अस्पताल में ही उपचार के दौरान अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। उस वक्त वहां मौजूद डॉक्टरों ने जब उसके ब्रेन की स्कैनिंग की तो पाया गया कि मौत से 30 सेकंड पहले उसके दिमाग में तेज रोशनी कौंधी जिसे उस व्यक्ति ने भी देखा।

मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुक जाने के बाद कुछ मिनट बाद भी ये बदलाव जारी रहते हैं। लुईसवील यूनिवर्सिटी के डॉ. अजमल जेमर ने बताया कि शोध में सामने आया कि मानव का दिमाग काफी जटिल है। इस शोध के द्वारा न्यूरो साइंस के क्षेत्र में काफी मदद मिल सकती है। मस्तिष्क की फंक्शनिंग को समझने से रोगियों के उपचार के नए तरीके खोजे जा सकते हैं।

काफी उपयोगी है ये डाटा

इस शोध के बारे में सक्सेस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल सेठ का कहना है कि यह डेटा काफी अनोखा है। इसके द्वारा पहली बार मौत से चंद सेकंड पहले दिमाग में क्या चल रहा होता है उसके बारे में पता चला है। पिछले लगभग एक दशक से मौत से पहले दिमाग में क्या कुछ चल रहा होता है इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जुटे हुए थे।

अल्फा और गामा तरंगों की वजह से कौंधती है रोशनी

शोध में शामिल डॉ. जेमर के अनुसार, मौत से पहले दिमाग में रोशनी कौंधने का कारण अल्फा और गामा तरंगें हैं। खून का प्रवाह रुकने के बाद ये तरंगे कुछ सेकंड तक सक्रिय रहती हैं।

मृत्यु से चंद सेकंड पहले के इस डेटा से मानव जीवन और मृत्य के कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है, हालांकि इस दिशा में अभी और शोध करने की जरूरत है।

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