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किसान के पास PhD के लिए नहीं थे पैसे, पहले पुलिस की नौकरी कर की सेविंग,अब पढ़-लिख बन गया प्रोफेसर

अपने सपनों को पूरा करने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। अब तमिल नाडु के अरविंद परूमल (Aravind Perumal) को ही ले लीजिए। अरविंद पहले एक किसान हुआ करते थे। उनका सपना Phd करने का था। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने पैसों का इंतजाम करने के लिए ऐसी जुगाड़ लगाई कि हर कोई दंग रह गया।

Phd के लिए चाहिए थे पैसे, बन गए कांस्टेबल

34 वर्षीय अरविंद ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग प्रोफेशन का सहारा लिया। आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए उन्होंने TNPSC (Tamil Nadu Public Service Commission) की परीक्षा दी। इसमें पास होकर उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में बतौर कांस्टेबल पुलिस फोर्स जॉइन कर ली। उन्होंने पुलिस की नौकरी करीब 11 सालों तक की। अरविंद कहते हैं –

मैं किसान का बेटा हूं। हमारा परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। इसलिए मेरी पढ़ाई के दौरान परिवार को सपोर्ट करने के लिए मैंने किसान बन खेती की। मेरे ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान मैं खेतों में हल चला रहा था। मैं PhD करना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते ऐसा नहीं कर सका।

पुलिस की नौकरी मिलने के बाद भी नहीं छोड़ा सपना

पुलिस में भर्ती होने के बाद भी 34 वर्षीय अरविंद ने अपने सपनों को मरने नहीं दिया। 11 साल की नौकरी के बाद जब वह आर्थिक रूप से सक्षम हो गए तो उन्होंने फिर से Phd करने की सोची। उन्होंने MSU (Manonmaniam Sundaranar University) में PhD कोर्स के लिए एन्ट्रेंस एग्जाम दी और उसमें पास हो गए।

पार्ट टाइम की PhD की पढ़ाई

अरविंद बताते हैं कि “मैंने पुलिस अधीक्षक और तमिल नाडु कोस्टल पुलिस के DIG आर चिन्नस्वामी से विनती की थी कि क्या मैं परत टाइम PhD कोर्स कर सकता हूँ? उन्होंने इसके लिए तुरंत हाँ बोल दिया था।” बस फिर क्या था अरविंद ने मन लगाकर PhD की पढ़ाई शुरू कर दी।

पूरा किया प्रोफेसर बनने का सपना

इस दौरान उन्होंने “Economic study on wage level in the informal sector” (अनौपचारिक क्षेत्र में वेतन स्तर पर आर्थिक अध्ययन) टाइटल पर थीसिस लिखना शुरु किया। जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2019 में अपनी PhD पूरी कर ली। 2021 में अपनी डिग्री मिलने के बाद अरविंद ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी और ST हिंदू कॉलेज Nagercoi में बतौर प्रोफेसर नई जॉब शुरू कर दी।

अरविंद की ये कहानी हम सभी लोगों के लिए प्रेरणा है। इससे हमे सीख मिलती है कि यदि मेहनत और लगन से काम किया जाए तो हर सपना पूर्ण किया जा सकता है।

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