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लता मंगेशकर के जीवन से जुड़े वो 10 अनसुने किस्से, जिसके इर्द-गिर्द गुजरी उनकी पूरी जिंदगी

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) देश की एक नामचीन हस्ती थी और अब उनका 92 साल की उम्र में निधन हो चुका है। ऐसे में एक तरफ पूरा देश शोक में डूबा है तो दूसरी तरफ उनकी स्मृतियाँ भी लोगों के जेहन में उठ रही है। बता दें कि लता जी एकमात्र ऐसी संगीत की पुजारिन रहीं। जिनकी आवाज हमेशा एक जैसी सुरीली ही रही और उनकी आवाज पर कभी भी उम्र का साया नहीं पड़ा।

Lata Mangeshkar

इतना ही नहीं मालूम हो कि उन्होंने अपनी आवाज के दम पर दुनिया को दीवाना बनाया और आज उनके जाने पर सभी उनको याद कर रहें हैं। बता दें कि लता जी ने संगीत की दुनिया को अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और तकरीबन 8 दशक तक गीतों को आवाज देती रही। वहीं जब आज वो इस लोक को छोड़कर अब स्वर्ग लोक में संगीत का सुर छेड़ने चली गईं हैं। आइए ऐसे में हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़े 10 महत्वपूर्ण किस्से…

1) छोटी उम्र में पिता के निधन के बाद उठाई घर की जिम्मेदारी

Lata Mangeshkar

बता दें कि लता जी का जीवन शुरुआत से ही संघर्ष के बीच गुजरा और जब वो सिर्फ 13 साल की थी, तभी उनके पिता का निधन हो गया और फिर तीन बहनो और एक भाई समेत पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। ऐसे में उन्होंने फिल्मों में काम करके और संगीत की दुनिया में कदम रखकर घर को आगे बढ़ाया।

2) मराठी फिल्म के लिए गाया था पहला गाना

एक कहावत आपने सुनी होगी कि पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं, लेकिन यहाँ पुत्री थी और लता जी की प्रतिभा छोटी सी उम्र में सबके सामने आ गई थी और उन्होंने मात्र 5 साल की उम्र से गायकी शुरू कर दी थी और उन्होंने गायकी की शुरुआत मराठी फिल्म में गाना गाकर किया था। बता दें कि उनका पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए ‘नाचू या गड़े’ था।

3) ऐसे मिला था पहला हिंदी गाना

lata mangeshkar

चूँकि शुरूआती दौर में लता जी ने मराठी गाना गाने की शुरुआत की थी और साथ में वो अभिनय भी करती थी। ऐसे में उन्होंने अपने पिता के मित्र मास्टर विनायक की फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ में अभिनय किया था। इसके बाद ही लता जी को पहला हिंदी गाना गाने का मौका मिला और इस गाने का नाम था ‘माता एक सपूत की’।

4) कमजोर आर्थिक स्थिति का डटकर किया सामना

लता जी प्रतिभा की धनी भले ही बचपन से थी, लेकिन उन्हें शुरू से ही खराब आर्थिक हालत का सामना करना पड़ा और उनकी प्रतिभा को सबसे पहले पहचाना प्रसिद्ध संगीतकार मास्टर गुलाम हैदर ने। फिर क्या था लता जी ने अपने इसी संगीत के हुनर को हथियार बना लिया और आज लता जी क्या थी और कितना आर्थिक रूप से सबल वो आप सभी जानते हैं।

5) लता जी को भी होना पड़ा था रिजेक्ट

वैसे प्रतिभाशाली होने का मतलब यह कतई नहीं होता कि पहली दफा में ही कामयाबी की सीढ़ी मिल जाएं और यही बात लता जी के साथ भी हुई। मालूम हो कि मास्टर गुलाम हैदर और लता जी से जुड़ा एक किस्सा बहुत चर्चित था और मालूम हो कि फिल्ममेकर शशधर मलिक एक ‘शहीद’ नाम की फिल्म बना रहे थे।

इतना ही नहीं इस फिल्म में गुलाम हैदर संगीत दे रहे थे लेकिन जब उन्होंने लता की आवाज शशधर को सुनाई तब उन्होंने उनकी आवाज को बहुत पतला बताकर रिजेक्ट कर दिया था और जिसके बाद मास्टर गुलाम को ये बात इतनी चुभ गई थी कि उन्होंने लता जी को स्टार बनाने की ठान ली थी और आख़िरकार उनका यह सपना पूरा भी हुआ था।

6) 1948 में आया लता जी का पहला हिट गाना

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वहीं मालूम हो कि शशधर द्वारा रिजेक्ट किए जाने के बाद लता जी ने हार नहीं मानी और फिर साल आता है 1948 का। जब लता जी को फिल्म ‘मजबूर’ में मास्टर गुलाम हैदर ने एक गाना गवाया और इस गाने के बोल थे ‘दिल मेरा तोड़ा’। बता दें कि यही वह गाना था जिसने लता जी के जीवन को बदलने में अहम भूमिका निभाई।

7) गाने की वजह से पड़ती थी माँ की डांट

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वहीं बता दें कि लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू के दौरान बड़ी ही दिलचस्प बात साझा की थी और उन्होंने इस साक्षात्कार के दौरान बताया था कि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर को बहुत समय तक पता ही नहीं था कि वो गाना गाती हैं। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने कहा था कि, “पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती और मुझे गाना गाने पर कई बार मां की डांट भी मिली थी।”

8) शादी ना करने के पीछे का असली किस्सा

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वैसे तो लता जी के शादी नहीं करने के अलग- अलग किस्से हैं, लेकिन स्वर कोकिला ने 2021 में बताया था कि घर की जिम्मेदारियों की वजह से वो शादी के बारें में सोच नहीं पाई। इतना ही नहीं उस दौरान उन्होंने कहा था कि भगवान जो करता है अच्छा ही करता है।

9) इस कारण किशोर कुमार के साथ गाने से किया था मना

लता जी और किशोर कुमार के बीच एक भाई-बहन जैसा रिश्ता था, लेकिन एक बार किशोर कुमार के मजाकिया लहजे से परेशान होकर लता जी ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया था।

10) मोहम्मद रफी से भी हुई थी अनबन

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इसके अलावा आखिर में बता दें कि एक बार लता जी का मोहम्मद रफ़ि जी से भी अनबन हुई थी और वो किस्सा कुछ यूँ था कि गाने के लिए मिलने वाली रॉयल्टी को लेकर दोनों के अलग-अलग विचार थे। जिसके कारण दोनों के बीच मन-मुटाव आ गया था। ऐसे में लता जी के जीवन से जुड़े प्रसंग आपको कैसे लगें, हमें कमेंट कर बता सकते हैं और ऐसी ही रोचक और ज्ञानवर्धक खबरों के लिए पढ़ते रहें “न्यूज़ ट्रेंड” को।

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