अध्यात्म

ससुर ने ली बहुओं की परीक्षा, पूछा ‘कौन से दिन अच्छे होते हैं?’ छोटी बहू के जवाब ने दिल जीत लिया

जीवन की नौका कभी शांत नहीं चलती है। समुद्र में कई बार तूफान भी आते हैं। लेकिन जीवन का असली नाविक वही होता है जो तूफ़ानों में भी अपनी कश्ती को डूबने से बचा लें। आसान शब्दों में कहे तो जीवन में सुख और दुख आते जाते रहते हैं। जो व्यक्ति दुख के दिनों में भी सुख ढूंढ ले वह हमेशा सुखी रहता है।

आप ने भी देखा होगा कि कुछ लोग बहुत कमाते हैं, अमीर होते हैं, लेकिन फिर भी उनकी लाइफ में सुख नहीं होता है। वे हमेशा दुखी रहते हैं। वहीं कुछ कम कमाकर भी हमेशा हंसते रहते हैं। कम संसाधनों में सुखी रहने का गुण ही आपको जीवन में खुश रखता है। इस बात को विस्तार से समझने के लिए चलिए एक दिलचस्प कहानी सुनते हैं।

ससुर ने ली बहुओं की परीक्षा

एक गांव में एक सेठ रहता था। उसे चार आज्ञाकारी और मेहनती बेटे थे। बेटों की उन्नति देख सेठ ने सभी की अच्छे परिवार की लड़की से शादी कर दी। उनका परिवार हंसी-खुशी जीवन व्यापन कर रहा था। फिर एक दिन सेठ के मन में अपनी चारों बहुओं की परीक्षा लेने की इच्छा जाग्रत हुई।

सेठ ये जानना चाहता था कि मेरी चारों बहुओं में से कौन सबसे अधिक समझदार है। इसलिए उसने अपनी चारों बहुओं को बुलाया। फिर सभी से एक सवाल पूछा “अच्छे दिन कौन से होते हैं?” बहूएं भी समझ गई कि ससुरजी उनकी परीक्षा ले रहे हैं। उन्होंने एक से बढ़कर एक जवाब दिए।

सबसे बड़ी बहू ने कहा “बारिश के दिन सबसे अच्छे होते हैं। बारिश न हो तो फसल नहीं पकेगी, पानी की कमी हो जाएगी। बिना पानी लोगों का जीवन दुखी हो जाएगा।” बड़ी बहू अपने तर्क को साबित करने के लिए और भी कई बातें बोलती चली गई।

अब दूसरी बहू की बारी आई। उसने ठंड के दिनों को अच्छा बताया। वह बोली “ठंड के दिन बड़े अच्छे होते हैं। इस मौसम में अपनी मर्जी की चीज खा सकते हैं, इसमें बीमारी भी कम होती है।” इसके बाद तीसरी बहू ने गर्मी के दिनों को बेस्ट कहा। उसने भी अपनी बात साबित करने को कई तर्क दिए।

छोटी बहू की समझदारी से हुए खुश

अंत में चौथी बहू यानि सबसे छोटी बहू का नंबर आया। उसने अपनी विनम्र आवाज में कहा “ससुरजी, दिन तो वही अच्छे होते हैं जो सुख से बीते। यदि रूखी-सुखी खाकर भी मन में संतोष का भाव जगा लें और परिवार में प्रेम बरकरार रखें, तो हर दिन अच्छा दिन हो होगा।” छोटी बहू के इस जवाब से ससुर सबसे अधिक खुश हुए।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमे यही सीख मिलती है कि जीवन में सुख भी आएंगे और दुख भी आएंगे। अब ये आपको तय करना है कि आप अपने दुखभरे दिनों को भी सुख में बदलने की सोच रखते हैं या छोटी-छोटी बातों को लेकर निराश होकर दुखी रहते हैं। एक पॉजिटिव सोच आपका हर दिन अच्छा बना सकती है।

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