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जानिए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या है अंतर? मोदी सरकार ला रही है डिजिटल करेंसी…

बीते दिन यानी एक फरवरी को देश के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-2023 का बजट रखा और इस दौरान कई बड़े ऐलान भी हुए। वहीं इसमें एक सबसे बड़ा ऐलान जो रहा, वो डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर है। जी हाँ हमारे देश में लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई थी।

वैसे कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरफ इशारा किया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी तो नहीं चल पाएगी, लेकिन हाँ अगर जरूरत महसूस हुई तो डिजिटल करेंसी के बारें में सोचा जाएगा। ऐसे में बजट में इस बात का ध्यान रखा गया और अब डिजिटल करेंसी को लेकर बजट में विस्तृत बातें कही गई है। आइए ऐसे में जानते हैं इसी डिजिटल करेंसी से जुडी कुछ बातें…

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बता दें कि बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी यानी ‘डिजिटल रुपी’ की बात कही और वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 की शुरुआत में ही RBI की डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा। इतना ही नहीं इस दौरान कहा गया कि इस पर RBI की तरफ से काम जारी है। वहीं बता दें कि इस विषय पर सरकार का कहना है कि, ” डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।”

आइए जानें क्या होती है डिजिटल करेंसी…

जी हाँ डिजिटल करेंसी के ऐलान भर से स्थितियां नहीं बदलने वाली, बल्कि यह क्या होती और कैसे इसका इस्तेमाल होता। इसके बारे में जनता को रूबरू कराना जरूरी है, आइए ऐसे में हम आपको इसी से जुडी कुछ बातें बताते हैं। बता दें कि डिजिटल करेंसी का पूरा नाम ‘सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी’ है और इसे इसे रिजर्व बैंक जारी करता है।

इसके अलावा इसे मान्यता देने का काम सरकार करती है। बताते चलें कि यह केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है। इसके अलावा इसकी एक अन्य खासियत ये होती है कि इसे देश की ‘सॉवरेन करेंसी’ में बदला जा सकता है। मालूम हो कि भारत में इसे ‘डिजिटल रुपया’ कहा जा सकता है और डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है। जिसमें रिटेल और होलसेल दोनों शामिल होती है।

इस समय से होगी डिजिटल करेंसी की शुरुआत…

Nirmala Sitharaman

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और दूसरी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए पेश किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये डिजिटल इकोनॉमी को बिग बूस्ट भी देगा। वहीं मालूम हो कि साथ ही उन्होंने कहा कि करेंसी मैनेजमेंट को ज्यादा इफीशिएंट और कम लागत वाला बनाएगा।


बता दें कि इस डिजिटल करेंसी को ‘डिजिटल रुपी’ के रूप में नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च कर दिया जाएगा। ऐसे में बता कि नए वित्त वर्ष में शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी और आप डिजिटल रुपी के ज़रिए सभी तरह के पेमेंट कर पाएँगे।

क्या होंगे डिजिटल करेंसी के फायदे…

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बता दें कि यह करेंसी कम खर्चीली होती है और ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल करेंसी के मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च और लेन-देन की लागत अधिक है। वहीं डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं है और ये ऑफलाइन भी हो सकता है। ऐसे में देखा जाएं तो यह करेंसी कई मायनों में सरकार और आम लोगों सभी के लिए फायदेमंद है।

जानिए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या है अंतर…

वैसे बता दें कि अब जब सरकार ने डिजिटल करेंसी की बात बजट में कही है। ऐसे में लोगों के दिमाग में एक सवाल यही है कि जब डिजिटल करेंसी लाना ही था तो फिर क्रिप्टोकरेंसी से परहेज क्यों? आइए ऐसे में समझें इन दोनों के बीच अंतर…

1) बता दें कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है।
2) वहीं क्रिप्टो करेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट है और ये किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं होता है।
3) इसके अलावा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं रखती हैं। ऐसे में डिजिटल करेंसी ज्यादा सुरक्षित और कारगर साबित होने वाली है।

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