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दुल्हन गाड़ी के बोनट पर बैठ ‘लैला मैं लैला’ पर जमकर नाची, निकाली ऐसी बारात पूरा शहर देखता रह गया

भारतीय शादियों में अधिकतर दूल्हा ही बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है। ये परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। लेकिन इससे कुछ लड़कियां समाज में पुरुषों की बराबरी पर भी सवाल उठाने लगी। इसका नतीजा ये हुआ कि युवतियां भी अपनी शादी में बारात ले जाने लगी। अब ऐसा ही एक नजारा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी देखने को मिला।

दुल्हन ने धूमधाम से निकाली बारात

भोपाल के संत हिरदाराम नगर में जब सड़कों पर भावना ललवानी की बारात निकली तो हर कोई देखता रह गया। कत्थई रंग का लहंगा पहन दुल्हन बनी भावना अपनी बारात में बेहद खुश नजर आई। उसने अपनी बारात में खुली गाड़ी में बैठकर बहुत डांस किया। इस दौरान वह दिल्ली वाली गर्लफ्रेंड और लैला मैं लैला जैसे फिल्मों गानों पर जमकर नाची।

पिता के सामने रखी थी शर्त

भावना ने अपने पिता के सामने शर्त रखी थी कि वह तभी शादी करेंगी जब उनकी बारात निकलेगी। बेटी की इस जिद के आगे पिता को भी झुकना पड़ा। उन्होंने समाज के रीति-रिवाजों के खिलाफ जाकर बेटी की धूमधाम से बारात निकाली। बेटी भी अपने पिता के इस कृत्य से बड़ी प्रसन्न हुई।

1 KM चली बारात

भावना ने खुली कार के बोनट पर बैठ करीब 1 किलोमीटर तक बारात निकाली। वह नाचते-गाते धूमधाम से बारात लेकर अपने दूल्हे के घर पहुंची। वहां लड़केवालों ने भी दुल्हन का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया। वहीं शादी में आए मेहमान भी दुल्हन का यह अंदाज देख बड़े खुश हुए। हालांकि कुछ बड़े बुजुर्ग दंग भी रह गए।

आईटी कंपनी में करती है जॉब

भावना ने एमसीए कर रखा है। वह इंदौर की एक आईटी कंपनी में जॉब करती है। इस समय उनकी बारात के चर्चे हर जगह हो रहे हैं। हर कोई दुल्हन के इस अंदाज की तारीफ कर रहा है। भावना का वीडियो वायरल होने के बाद लोग उस पर दिलचस्प कमेंट्स भी करने लगे।

एक यूजर ने लिखा “दुल्हन को भी अपनी शादी में एन्जॉय करने का पूरा हक है।” वहीं दूसरे ने कहा “दुल्हन की बारात से समाज में महिलाओं की बराबरी का संदेश भी जाता है। ऐसी और भी बारातें निकलना चाहिए।” वहीं एक कमेंट आता है “मुझे दुल्हन का यह स्टाइल बड़ा पसंद आया।”

देखें वीडियो-


वैसे आप लोगों को दुल्हन की ये बारात कैसी लगी हमे कमेंट कर जरूर बताएं। यदि आपके परिवार में कोई लड़की इस तरह बारात निकालने कि इच्छा व्यक्त करें तो क्या आप उसे अनुमति देंगे? या फिर अपनी पुरानी परंपराओं में ही जकड़े रहेंगे।

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