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पति ने किया सुसाइड, पत्नी मालविका ने चुकाया 5000 करोड़ का कर्ज : ऐसी है कैफ़े कॉफ़ी डे की कहानी

इंसान के जीवन में समय कभी अच्छा होता है तो कभी बुरा। कभी किस्मत साथ देती है कभी नहीं। कुछ लोग कठिन समय और किस्मत के आगे हार मान लेते हैं और जीवन तबाह कर लेते हैं, तो कुछ लोग इसका डटकर मुकाबला करते हैं और किस्मत खुद अपने हाथों से लिख देते हैं। आज हम ऐसी एक महिला के बारे में आपको बताएंगे जिसने अपने संकल्प से किस्मत को बदल दिया।

इनका नाम है मालविका हेगड़े। मालविका कर्नाटक के पूर्व सीएम एस एम कृष्णा की बेटी हैं। उनके पति एक बड़े बिजनेसमैन थे। इतना सब होते हुए भी उनकी जिंदगी कैसे अर्श से फर्श पर आ गई ,और उन्होंने जिंदगी को फिर कैसे संभाला, उनके जीवन का ये दौर प्रेरणादायक और बेहद इंस्पायर करने वाला है।

जब पति की हुई मौत

देश की मशहूर कैफे चेन कैफे कॉफी डे का देश के लोगों खासकर युवाओं के बीच काफी क्रेज है। दोस्तों के साथ वीकेंड पर पार्टी करनी हो या पहली डेट पर जाना हो, पहली सैलरी मिलने पर अपनी फैमिली को ट्रीट देनी हो, CCD यानि कैफे कॉफी डे युवाओं की पहली पसंद रहा है।

लेकिन अचानक सभी को तब बड़ा झटका लगा जब जुलाई 2019 में कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली। मेंगलुरु के पास नेत्रवती नदी में कूदकर सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली थी। 36 घंटे की गहन तलाशी के बाद नदी किनारे से उनका पार्थिव शव मिला था। बताया गया कि भारी कर्ज से परेशान सिद्धार्थ ने खुदकुशी कर ली।

देश की सबसे बड़ी कॉफी चेन CCD के संस्थापक द्वारा अचानक आत्महत्या कर लेना बहुत से लोगों के लिए एक झटके की तरह था, इसके बाद बहुत से लोगों को लगने लगा था कि कैसे कॉफी डे का भविष्य अनिश्चित है और शायद अब कंपनी बंद हो जाएगी।

मालविका टूटीं लेकिन हारी नहीं

अपने पति वीजी सिद्धार्थ की असमय मौत, कंपनी पर 7000 करोड़ रु का कर्ज और हजारों कर्मचारियों के सड़क पर आ जाने का खतरा भांप कर मालविका एक बार तो बिल्कुल टूट गईं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था क्या करें।

इकोनॉमिक्स टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मालविका ने कहा हिम्मत हारने का मतलब था कि या तो विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह कर्ज ना चुकाया जाय और भगोड़ा बन जाया जाय या फिर समय के अंधकार में जीवन को ढकेल दिया जाय।

लेकिन मालविका को ऐसी कायरता मंजूर नहीं थी, उन्होंने साहस जुटाया और ये संकल्प लिया कि कंपनी को बंद नहीं होने देंगी, कर्मचारियों को सड़क पर नहीं आने देंगी, और कर्ज को भी अदा करेंगी और अपने पति के सपने को भी पूरा करेंगी।

मालविका की हिम्मत रंग लाई

मालविका की हिम्मत रंग लाई। मालविका का संकल्प पूरा करने के लिए कॉफी कैफे डे के कर्मचारियों ने पूरा साथ देने का संकल्प लिया। कर्ज देने वाले बैंकों ने भी मालविका की हिम्मत देख उन्हें और मौका दिया।

इमानदारी से लिए गया संकल्प और प्रयास धीरे-धीरे रंग लाने लगा और अब ये कॉफी चेन फिर शबाब पर आने लगी, दो साल के अंदर ही 7000 करोड़ के कर्ज में से आधे से ज्यादा चुकाया जा चुका है। मालविका कहती हैं कि जल्द ही पूरा कर्ज चुका दिया जाएगा और कंपनी नईं ऊंचाईयों के हासिल करेगी।

कॉफी कैफे डे की बादशाहत बरकरार

मालविका हेगड़े की हिम्मत से एक समय बंद होने के कगार पर पहुंच गए CCD की बादशाहत आज भी बरकरार है। इस समय CCD भारत के 165 शहरों में 572 कैफे संचालित कर रहा है। 36,326 वेंडिंग मशीन के साथ CCD देश का सबसे बड़ा कॉफी सर्विस ब्रैंड है।

कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड (Coffee Day Global Limited) की निदेशक के तौर पर जिम्मेदारियां निभा रही मालविका अब CCD के सीईओ का पद संभालने जा रही हैं। निश्चित तौर पर मालविका ने उन महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है, जो जीवन में चुनौतियां आने पर टूट जाती हैं, और पति की मौत पर ख़ुद को अकेला पाकर दुनिया का सामना करने से कतराती हैं।

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