अध्यात्म

जीवन में पैसों की कमी से हैं परेशान तो बोलें हनुमान जी का यह मंत्र, जल्द ही होगी समस्या दूर!

आज के समय में पैसा बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। इसकी कमी की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों के पास खूब सारा पैसा होता है वह ख़ुशी की जिंदगी बिताते हैं। हालांकि यह जरुरी हो जाता है कि वह पैसा किस तरह से कमाया गया है। अगर व्यक्ति इमानदारी से पैसे कमाता है तो उसे उस पैसे से ख़ुशी और सुख मिलता है, जबकि बेईमानी से कमाए गए धन से दुःख ही दुःख मिलता है।

इस वजह से वह काफी परेशान रहता है। धन की कमी उसकी खुशियों पर हमला कर देती हैं। वह चाहता तो बहुत है कि उसके पास काफी पैसा हो और वह उसके लिए मेहनत भी करता है। लेकिन उसके द्वारा की गयी मेहनत का उसे फल नहीं मिलता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो चिंता करने की बात नहीं है।

तन-मन की शक्ति के साथ होती है धन की प्राप्ति:

तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा की यह चौपाई “अष्टसिद्धि नवनिधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता” हनुमान जी के बलशाली होने के साथ ही साथ उन्हें वैभव का स्वामी और दाता भी बताता है। यही वजह है कि हनुमान जी की उपासना करने वाले भक्त को ना केवल तन-मन की शक्ति मिलती है, बल्कि वह धन के अभाव से जूझ रहे भक्तों के भी कष्ट दूर करते हैं।

मंगलवार या शनिवार को करें मंत्र का उच्चारण:

अगर आपको भी जीवन में पैसे की कमी से काफी परेशानी हो रही है और आपके जीवन की खुशियाँ कम हो गयी हैं तो निचे दिए गए मंत्र का उच्चारण मंगलवार, शनिवार और शनिश्चरी अमावस्या के दिन करें। मंगलवार या शनिवार के दिन सुबह स्नान आदि करके हनुमान मंदिर या शनि मंदिर जाकर सिंदूर चढ़ाएँ। उसके बाद चमेली का तेल, फूल, अक्षत, जनेऊ और नैवेद्य चढ़ाकर निचे लिखे मंत्र का जाप करें।

मंत्र:

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमन: कल्पना-कल्पद्रुमाय दुष्टमनोरथस्तम्भनाय प्रभंजन-प्राप्रियाय महाबलपराक्रमाय महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधन-धान्यादि विविधसम्पतप्रदाय रामदूताय स्वाहा

सिंदूर से घर के मंदिर में बनायें स्वास्तिक का चिन्ह:

मंत्र का स्मरण करने के बाद हनुमान जी की प्रतिमा को गुग्गल, धूप और दीपक की आरती दिखाएँ। इसके बाद प्रसाद ग्रहण करें। हनुमान जी चरणों में रखें सिंदूर को घर लाकर घर के मंदिर में उससे स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। कुछ ही दिनों में आपकी धन सम्बन्धी सभी समस्याएँ दूर हो जायेंगी।

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