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जब AAP के मुंह में आकर निकल गया निवाला: जानिए कैसे चंडीगढ़ मेयर सीट BJP की झोली में चली गई

जब AAP की सारी मेहनत बेकार हो गई, एक पार्षद की गलती से सारा खेल हो गया और बीजेपी को कुर्सी मिल गई

पंजाब विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बड़े जोर-शोर से उतर रही आम आदमी पार्टी यानी AAP को विधानसभा चुनाव से पहले तब बड़ा झटका लगा, जब चंडीगढ़ के मेयर की सीट उसके पास आते-आते रह गई। काफी जद्दोजहद के बाद फाइनल नतीजा BJP के पाले में गया और BJP की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर बन गईं। इस हार से आम आदमी पार्टी सकते में हैं।

AAP पार्षदों को यह हार इतनी नागवार गुजरी कि वो धरने पर बैठ गए। AAP पार्षद भले ही धरने पर बैठ गए हों, लेकिन उनकी जीत को पराजय में बदलने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। क्योंकि आम आदमी पार्टी के एक पार्षद की गलती से सारा खेल हो गया और बीजेपी को कुर्सी मिल गई। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं-

जब AAP की सारी मेहनत बेकार हो गई

24 दिसंबर 20121 को हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में AAP के सबसे अधिक पार्षदों ने जीत दर्ज की थी। उन्हें पूरा यकीन था कि मेयर उन्ही का बनेगा, क्योंकि इन्हीं पार्षदों को मेयर चुनना था। लेकिन बीजेपी के दांव से मेयर का मुकाबला दिलचस्प हो गया। मेयर के चुनाव में बीजेपी और आप के बीच ही मुख्य टक्कर थी। कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। चुनाव के दौरान टूट के डर से आम आदमी पार्टी ने पार्षदों को दिल्ली में शिफ्ट कर दिया था।

चंडीगढ़ के नए मेयर का चुनाव 8 जनवरी को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ नगर निगम के ऑफिस में हुआ। मतदान के बाद काउंटिंग के दौरान पता चला कि आम आदमी पार्टी का एक बैलट पेपर फटा था। जिससे वह वोट खारिज कर दिया गया, और बाजी पलट गई। आगे बतातें है कि सीटों का वो आंकड़ा जिसकी वजह से एक वोट के लिए मारामारी की नौबत आ गई।

किसी को नहीं मिला था पूर्ण बहुमत

24 दिसंबर को हुए चुनाव में कोई भी दल बहुमत का आंकड़ा (19) पार नहीं कर पाया था। चुनाव में डेब्यू करने वाली AAP के 14 पार्षदों ने जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी के 12, कांग्रेस के 8 पार्षद और अकाली दल के 1 पार्षद ने जीत दर्ज की थी। वार्ड नंबर 10 की पार्षद हरप्रीत कौर बाबला ने अपने पति देविंदर सिंह बाबला के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली। इसके बाद बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है जबकि कांग्रेस की घटकर 7 रह गई।

मेयर चुनाव में चंडीगढ़ सांसद का भी एक वोट मान्य होता है जिसके बाद बीजेपी के पास कुल 14 वोट हो गए थे। फिल्म अभिनेत्री किरण खेर चंडीगढ़ संसदीय सीट से बीजेपी की सांसद हैं।अब बीजेपी और आप की संख्या बराबर हो गई।  सीक्रेट बैलेट पेपर से हुए मतदान की काउंटिग के दौरान आप का एक बैलेट पेपर फटा मिलने से उसे रद्द कर दिया गया। कुल पड़े मतों के आधार पर बीजेपी ने आप से बाजी मार ली, और मेयर की सीट अपने खाते में कर ली।

सीनियर डिप्टी मेयर पद पर भी BJP जीती

मेयर के साथ ही चंडीगढ़ के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर भी चुने गए। सीनियर डिप्टी मेयर की सीट पर बीजेपी के दलीप शर्मा ने जीत दर्ज की। कुल 28 मतों में से भाजपा के दलीप शर्मा को 15 और आप की प्रेम लता को 13 मत प्राप्त हुए। आपको बता दें कि इस बार चंडीगढ़ की मेयर सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी।

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