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कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने नौकरी छोड़ी: BJP के टिकट पर लड़ सकते हैं यूपी चुनाव

कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वीआरएस यानी स्वैच्छिक रियाटरमेंट के लिए आवेदन किया है। वीआरएस लेने के बाद असीम अरुण बीजेपी के टिकट पर कन्नौज की सदर विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। असीम अरुण ने फेसबुक पेज पर पत्र जारी कर वीआरएस लेने की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है अब नए रूप में समाज और देश की सेवा करूंगा, तथा बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों पर चलते हुए अपने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भाइयों-बहनों के हित के लिए काम करूंगा। उन्होंने अपने पत्र में और क्या लिखा आपको आगे बताते हैं।

असीम अरुण का फेसबुक लेटर

आईपीएस असीम अरुण ने पत्र में लिखा- आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मैंने वीआरएस के लिए आवेदन किया है, क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं कि योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता के योग्य समझा। मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम को विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं।

पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के पहल को सार्थक बनाऊं। मैं प्रयास करूंगा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए तिलिस्म कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं।

आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहब अंबेडकर द्वारा असवर की समानता के लिए रचित व्यवस्था के कारण संभव है। मैं उनके उच्च आर्दशों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता जी स्व. श्रीराम अरुण जी एवं माता स्व. शशि अरुण जी के पुण्य कर्मों के कारण मिल रहा है। उनकी पुण्य आत्माओं को शत-शत नमन।

आखिरी लाइनों में असीम अरुण लिखते हैं कि केवल एक ही कष्ट है। अपनी अलमारी के सबसे सुंदर वस्त्र, अपनी वर्दी को अब नहीं पहन सकूंगा। अपने साथियों से विदा लेते हुए मैं वचन देता हूं, वर्दी के सम्मान के लिए हमेशा सबसे आगे खड़ा मिलूंगा। आपको मेरी ओर से जोरदार सैल्यूट। जय हिंद

कन्नौज के रहने वाले हैं असीम अरुण

आईपीएस असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं। असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण यूपी के तेज तर्रार आईपीएस थे। श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी भी रह चुके हैं। इसके साथ ही उनकी मां शशि अरुण लेखिका रही हैं। असीम अरुण का जन्म 03 अक्टूबर 1970 को बदायूं में हुआ था। असीम अरुण की प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रासिंस कॉलेज में हुई थी।

इसके बाद बीएससी की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। असीम अरुण 1994 बैच के आईपीएस हैं। इंडियन पुलिस सर्विस में आने के बाद यूपी के कई जिलों में तैनात रहे हैं।

तेजतर्रार IPS अफसर के रूप में पहचान

असीम अरुण बेहद तेज तर्रार अफसर माने जाते हैं। अपनी काबिलियत की वजह से ही वो हर पार्टी की सरकार के प्रिय अफसर होते हैं। असीम अरुण उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने देश की पहली जिला स्तरीय स्वॉट का गठन किया था। इसके साथ ही असीम अरुण आईजी भी रह चुके हैं।

असीम अरुण ने ही आईएसआईएस के खतरनाक आतंकी सैफुल्लाह को एनकाउंटर में ढेर किया था। तेज तर्रार अधिकारी होने की वजह से ही उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया था। असीम अरुण एसपीजी क्लोज प्रोटेक्शन टीम के हेड थे।

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