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ऐसा दुख किसी को न मिले, बेटी का हुआ जन्म और घर से उठ गई 3 अर्थियां, बेटी से मिल भी नहीं पाए

सुख और दुख का कोई भरोसा नहीं होता है। आपको एक पल ढेर सारी खुशियां मिलती है तो कभी अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है। अब राजस्थान के राजसमंद जिले के रेलमगरा एरिया में रहने वाले इस परिवार को ही ले लीजिए। यहां 9 दिन पहले ही बेटी के जन्म से घर में खुशी का माहौल था। लेकिन फिर एकसाथ एक ही घर के तीन लोगों की अर्थी उठ गई। इस घटना से सिर्फ परिवार में ही नहीं बल्कि पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

एक ही परिवार में हुई 3 मौतें

दरअसल अमरपुरा निवासी देवीलाल गाडरी के पिता प्रताप गाडरी की तबीयत खराब थी। इस सिलसिले में देवीलाल पिता का इलाज कराने दस दिन पहले जयपुर गया था। इलाज पूरा होने के बाद वह मंगलवार (4 जनवरी) को अपनी मां सोहनी, पिता प्रताप और एक अन्य रिश्तेदार के साथ कार से घर लौट रहा था। यहां भीलवाड़ा जिले के थाना रायला क्षेत्र में आधी रात को उनकी कार को एक वाहन ने टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कार में संवार चारों लोगों की मौत हो गई।

शव देख हर आँख हुई नम

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बुधवार शाम (5 जनवरी) जब माता-पिता और बेटे का शव घर पहुंचा तो सबकी आंखें नम दिखाई दी। एक ही परिवार की तीन लाशों का दर्दनाक मंजर देख वहां मौजूद सभी लोगों का कलेजा कांप उठा। उन्हें अलविदा कहने पूरा गांव आया। वहां शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसकी आंखें नम न हुई हो। वहीं परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बहुत बुरा हाल था।

मरने से पहले नहीं देख पाए बेटी का चेहरा

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सबसे दुखद बात ये थी कि पिता और दादा-दादी ने बच्ची का चेहरा तक नहीं देखा था। वे लोग जब जयपुर में इलाज करवा रहे थे तभी उनके घर बेटी का जन्म हुआ था। बेटी होने की खबर को सुन हर कोई बहुत खुश था। सभी के मन में घर पहुंचकर बेटी की एक झलक देखने और उसे गोद में उठाने की उत्सुकता थी। लेकिन दुर्भाग्य से उनकी ये इच्छा उनकी मौत के साथ ही दफन हो गई।

पूरे गांव में छाई उदासी

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जब परिवार के तीनों लोगों की अर्थी उठी तो पूरा गांव उदास था। लोगों ने अपनी दुकाने बंद कर दी थी। किसी के घर भी चूल्हा नहीं जला था। बस हर कोई दुख के आंसू बहा रहा था। अंतिम संस्कार के समय घर के बड़े बेटे किशनलाल ने माता-पिता और छोटे भाई को मुखाग्नि दी।

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यह दुखद घटना जिसने भी सुनी वह भी रो पड़ा। लोग अब भगवान से यही पूछ रहे हैं कि आखिर ये तेरी कैसी लीला है जो एक बाप मरने से पहले अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाया।

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